शब्द शिल्पी डॉ. नलिन छोड़ गए कल्पना की उड़ान

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तेरहवीं संस्कार के शांतिभोज में सर्व समाज के लोगों ने अर्पित की श्रद्धांजलि
रायबरेली। ‘मां, नभ देखो बुला रहा, मैं मंगल ग्रह को जाऊंगा, वहां पहुंचकर सुंदर-सा घर, अपना एक बनाऊंगा! लोक, लोक में जा-जाकर के, अपना ध्वज फहराऊंगा!’ कल्पनाशीलता से सराबोर इन पंक्तियों के रचनाकार डॉ. चक्रधर नलिनी अब इस आसार संसार में नहीं हैं। शनिवार को उनका तेरहवीं संस्कार पर एक वृहद शान्तिभोज उनके पैतृक आवास अटौरा बुजुर्ग में उनके सुपुत्र व श्री ग्रुप के चेयरपर्सन मनोज द्विवेदी ने आयोजित किया। इस भोज में हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
आजादी से पूर्व 19 जुलाई 1939 को सतांव ब्लाक क्षेत्र के अटौरा बुजुर्ग गांव में जन्म लेने वाले चक्रधर अपनी प्रखर प्रतिभा की दम पर डॉ. चक्रधर ‘नलिन’ बन गये। डॉ. नलिन एक विद्वान अधिवक्ता के साथ-साथ बाल गीतकार भी थे। उनका बाल साहित्य बच्चों के संसार को ज्ञान-विज्ञान की अतुल संपदा से समृद्ध करता है, जिससे बच्चों में कल्पनात्मक अभिवृत्तियों और संवेदनाओं का विकास हो सके। बाल साहित्य के पृथक श्रजन की परम्परा का शुभारम्भ उन्नीसवीं सदी ही माना जाता है। इस दौर में 1960 से 2000 के बीच का समय ऐसा था जब डॉ.नलिन जैसे साहित्यकारों ने बाल साहित्य को नये आयाम दिये। इस दौरान रचा गया बाल साहित्य विविधवर्णी, विविध विषयक व नवीनतम भावभूमि पर आधारित था। डॉ. चक्रधर ‘नलिन’ ने ‘सैर’ पर एक कल्पनाशील कविता लिखी है जिसमें अंतरिक्ष का मानो आंखों देखा चित्रण है। उनकी कविता ‘मां, नभ देखो बुला रहा, मैं मंगल ग्रह को जाऊंगा, शटल यान से उतर, वहां पर,गीत खुशी के गाऊंगा। शुष्क और वीरान भूमि, उज्ज्वल, हिम-पानी है, वहां न वर्षा, नदियां, झरने, मिट्टी रेगिस्तानी है। वहां पहुंचकर सुंदर-सा घर अपना एक बनाऊंगा!’ आज भी लोगों की जुबान पर है। आज जब डॉ. नलिन जैसा शब्द शिल्पी हमारे बीच नहीं है तो बाल मन जैसी उनकी कल्पना की उड़ानें हमारे समक्ष स्वत: इतराने लगती हैं। अटौरा के किसान विद्यालय में आयोजित तेरहवीं संस्कार के शांति भोज में श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा रहा। सांसद सोनिया गांधी के प्रतिनिधि केएल शर्मा, कांग्रेस जिलाध्यक्ष वीके शुक्ला, सुनील तिवारी, विजय शंकर अग्निहोत्री, इंदिरा नगर की सभासद पूनम तिवारी, सतांव के वरिष्ठ साहित्यकार निर्मल प्रकाश श्रीवास्तव सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।

Editor Desk

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