देश में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में निकट भविष्य में भारी संख्या में कर्मचारी रिटायर होने वाले हैं. ऐसे में इंप्लॉइज की कमी से निपटने के लिए जूनियर और मिडिल लेवल के पदों पर तेजी से नई नियुक्तियां करने की जरूरत है.
देश में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में निकट भविष्य में भारी संख्या में कर्मचारी रिटायर होने वाले हैं. ऐसे में इंप्लॉइज की कमी से निपटने के लिए जूनियर और मिडिल लेवल के पदों पर तेजी से नई नियुक्तियां करने की जरूरत है. यह बात संसद की एक समिति ने एक रिपोर्ट में कही है.
किस लेवल के कितने लोग होने वाले हैं रिटायर
रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी बैंकों में जनरल मैनेजर स्तर के 95 फीसदी, डिप्टी जनरल मैनेजर स्तर के 75 फीसदी और एडिशनल जनरल मैनेजर स्तर के 58 फीसदी कर्मचारी 2019-20 में रिटायर होने वाले हैं.
अप्लाई करने वाले कैंडीडेट्स की संख्या में बड़ी गिरावट
वित्तीय मामलों की स्थायी समिति ने इंस्टीट्यूट आॅफ बैंकिंग पर्सनेल सिलेक्शन यानी IBPS के आंकड़ों के आधार पर पाया कि सरकारी बैंकों में क्लर्क, प्रोबेशनरी आॅफिसर और विशिष्ट अफसरों के पद पर नए लोगों की नियुक्ति के लिए कैंडीडेट्स की संख्या में स्पष्ट गिरावट दिख रही है.
इसलिए भी हतोत्साहित हो रहे कैंडीडेट्स
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली समिति ने पिछले सप्ताह संसद में पेश रिपोर्ट में कहा कि समिति का मानना है कि बैंकों द्वारा नियुक्तियों में कमी करना भी एक कारक है लेकिन बिना किसी प्रोत्साहन के विपरीत परिस्थितियों में लंबे समय तक काम करने की बाध्यता से भी उम्मीदवार हतोत्साहित हो रहे हैं. समिति ने आशंका व्यक्त की है कि सरकारी बैंकों में निकट भविष्य में भारी संख्या में लोगों के रिटायर होने से विभिन्न स्तरों पर अचानक से लोगों की कमी हो सकती है.