रायबरेली। जिला महिला अस्पताल में इलाज के लिए आए मरीजों के परिजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यहां उनके लिए न तो पीने के पानी की व्यवस्था और न ही शौचालयों में ही पानी आ रहा है, जो वाटर हेड टैंक लगाया गया है, जिससे गर्भवती महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है वही जिम्मेदार आंखों में पट्टी बांधे हुए है।
हम बात कर रहें हैं VIP जिले के जिला महिला अस्पताल की जहां जिले भर से मरीज आते हैं। साधन संपन्न व पैसे वाले लोग तो मरीजों को इलाज कराने के लिए बाहर भी ले जाते हैं, लेकिन बड़ी संख्या मध्यम वर्ग में लोग यहीं रह जाते हैं। ऐसे मरीजाें के साथ अस्पताल में रहने वाले अटेंडर्स को इन दिनों भारी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। पानी नहीं होने के कारण परेशानियां बढ़ गई है। मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण वार्डों में भीड़ रहती है, इसलिए टॉयलेट, बाथरूम में अटेंडर्स के लिए परेशानियां होती हैं उन्हें बाहर ही नहाना पड़ता है। तो वही गर्भवती महिलाओं के लिए बने शौचालयों में पानी ही नही आ रहा है कई दिनों से जिससे गर्भवती महिलाओं को काफी दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा हैं वार्डों में मरीजों की जो देखभाल कर रहे है उन्हें ही स्वयं बाहर से डिब्बो में पानी भरकर शौचालय तक लाना पड़ता है जबकि सारी सुविधाओं के होते हुए भी जिम्मेदार लोगों की लापरवाही का खामियाजा मरीजो को चुकाना पड रहा है 24 घण्टे एमरजेंसी सेवा होने के बावजूद भी इतनी बड़ी लापरवाही अधिकारी के कार्यशैली में प्रश्नचिन्ह लगा रहे है।
अनुज मौर्य रिपोर्ट