सावन के सोमवार को लेकर तैयारियां शुरू

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बछरावां (रायबरेली)। लखनऊ-रायबरेली व उन्नाव की सीमा को जोडऩे वाले प्रसिद्ध भवरेश्वर मंदिर में सावन के सोमवार को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। विदित हो कि भंवरे स्वर्ण मंदिर रायबरेली जनपद की अंतिम सीमा पर सईं नदी के किनारे स्थित है। जहां हजारों की संख्या में सावन के सोमवार में श्रद्धालु अपनी मुरादों को पूरा करने के लिए भोलेनाथ के दरबार पर माथा टेकते हैं। क्षेत्रीय लोगों के साथ साथ अन्य जनपद के हजारों की संख्या में श्रद्धालु प्रत्येक वर्ष सावन के सोमवारों में दर्शन के लिए आते हैं। श्रद्धालुओं द्वारा पैदल यात्रा कांवर यात्रा के साथ साथ वाहनों से भवरेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं बताते चलें कि सच्चे मन से मांगी गई। मुराद भोलेनाथ अवश्य पूरा करते हैं। भवरेश्वर मंदिर क्षेत्र के साथ-साथ अन्य जनपदों के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र माना जाता है। मंदिर का निर्माण पूर्व में राजाओं द्वारा कराया गया था। शिव मंदिर शिवलिंग आदि शक्ति मूर्ति है। भवरेश्वर मंदिर पूर्व में भीमेश्वर के नाम से प्रसिद्ध था लेकिन औरंगजेब की सेना ने खजाने की खोज में शिव लिंग को तोडऩे का प्रयास किया था जिसको लेकर हजारों की संख्या में भंवरों ने औरंगजेब की सेना पर हमला बोल दिया था। जिसके बाद भीमेश्वर का नाम बदलकर भवरेश्वर मंदिर के नाम से क्षेत्र में जाना जाने लगा। भवरेश्वर मंदिर में सावन के सोमवारों में लकड़ी की दुकानें ,झूलों की दुकानें ,पशु बाजार सहित दर्जनों प्रकार के घरेलू उपयोग की वस्तुओं की दुकानें सजाई जाती हैं। जिसमें हजारों की संख्या में दूर दराज से आकर व्यापारी अपना व्यापार करते हैं। मंदिर परिसर के आसपास प्रसाद व फूल बेलपत्र की दुकानें भी सजाई जा रही है। क्षेत्रीय लोगों द्वारा सावन के सोमवार में विशाल भंडारे का भी आयोजन किया जाता है। इसके अतिरिक्त सावन के सोमवारों में भजन-कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। क्षेत्रीय लोगों के अतिरिक्त पशु व्यापारी जानवरों की बिक्री के लिए सावन के सोमवारों में बिक्री हेतु भारी संख्या में भीड़ देखी जा सकती है।

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