जगतपुर (रायबरेली) । आशुतोष महाराज की संस्था दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से पंडित जालिपा प्रसाद विद्या मंदिर सलोन रोड जगतपुर से पांच दिवसीय श्री हरिकथा भजन संकीर्तन ज्ञान यज्ञ के लिए कलश-यात्रा निकाली गई। यात्रा का शुभारंभ भक्तो ने किया। संस्थान के स्वयंसेवकों ने अविरल ‘जय श्री कृष्ण, जय श्री ‘राम’ के उद्घोष से यात्रा को दिव्य तरंगों से भर दिया।
यात्रा का मुख्य आकर्षण भगवान की झांकी और शीष पर मंगल कलश धारण किए सौभाग्यवती महिलाएं रहीं। ‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय नम: का उच्चारण करते हुए यात्रा निकाली गई।आयोजक राजबहादुर सिंह ने बताया कि जब महान विचारों को धारण करके एक विशाल समूह समाज की गलियों से गुजरता है तब उसकी तरंगे अवश्य ही जनमानस के मन को प्रभावित करती हैं और वातावरण से नकारात्मकता को खत्म करती हैं।उन्होनो कहा कि भारत की पहचान यहां की अध्यात्म परक संस्कृति है, जिसे मनुष्य आज भुला बैठा है और यह विलक्षण कलश यात्रा प्रत्येक मनुष्य को उसी संस्कृति को बोध करा रही है।
स्वामी श्री विश्वनाथानंद जी ने बताया कि कथा में केवल प्रभु की कहानियों को ही नहीं सुनाया जाएगा,अपितु उस आत्मज्ञान को भी प्रदान किया जाएगा, जिसके द्वारा मनुष्य,ईश्वर के शाश्वत रूप का दर्शन कर अपने जीवन के परम लक्ष्य की प्राप्ति करता है।
ईश्वर को देखने के लिए ब्रम्हज्ञान आवश्यक
आशुतोष महाराज जी के शिष्य स्वामी विश्वनाथानंद जी की अगुवाई में जगतपुर कस्बे के चारों मार्ग पर सैकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में मंगल कलश यात्रा का आयोजन किया गया। जिसमें दूरदराज से आए हुए श्रद्धालुओं ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। मंगल कलश यात्रा का शुभारंभ राकेश सिंह राना, कुंवर दिवाकर सिंह,शंकरपुर इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य देवीशंकर वर्मा के कर कमलों द्वारा हुआ उसके बाद कथा पंडाल में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने सर्व श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्य स्वामी देवेश्वरानंद जी के कथा संबोधन को सुना,जिसमे स्वामी जी ने बताया कि ईश्वर को देखा जा सकता है,और ये सच है कि ईश्वर के विभिन्न स्वरूपो को आप भी देख सकते है,बस उसके लिए ब्रम्हज्ञान जैसी दिव्य शक्ति की आवश्यकता है।दीप प्रज्ज्वलन का कार्यक्रम पंडित जालिपा प्रसाद विद्यालय के प्रबंधक सुरेश नारायण पांडेय,राकेश अग्रहरि,राज बहादुर सिंह,कमलेश द्विवेदी,नीरज सिंह,मनीष श्रीवास्तव ने किया।तत्पश्चात आरती का समापन ऊंचाहार तहसील के उपजिलाधिकारी केशव नाथ गुप्ता के कर कमलों द्वारा किया गया।और प्रसाद वितरण का कार्यक्रम रमेश कुमार जायसवाल के द्वारा किया गया।स्वामी विश्वनाथानंद ने बताया कि कार्यक्रम कल पुनः दोपहर एक बजे से शुरू होकर सायं चार बजे तक चलेगा।
अनुज मौर्य/मनीष श्रीवास्तव रिपोर्ट