लालगंज रायबरेली।आधुनिक रेलकोच कारखाने का प्रबंधन वर्ग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान का खुल्लम खुल्ला मखौल उडा रहा है,जिसकी महज बानगी रेलकोच कारखाने की बाउन्ड्री वाल और अन्य परिसर मे फैली गंदगी से देखा जा सकता है।रेलकोच कारखाने के गेट नम्बर 1,गेट नम्बर 2 से लगी बाउन्ड्री वाल के आसपास कूडा करकट सहित घासफूस का अम्बार भारत सरकार के स्वच्छ भारत अभियान को ठेंगा दिखाने के लिये काफी है।कहने को तो आधुनिक रेलकोच कारखाना भारत का ही नही विष्व का रेल डिब्बा बनाने का सबसे बेहतरीन कारखाना है,जहां पर कर्मचारियों की कमी के बावजूद लक्ष्य के अनुरूप डिब्बे बन रहे है।रेलकोच कर्मचारी निगमीकरण के जलजले के बीच पूरी तरह लगन और मेहनत से 2019-20 के डिब्बा बनाने के लक्ष्य को पूरा करने मे जुटे हुये है।रेलकोच प्रषासन का पूरा जोर डिब्बा बनाने के लक्ष्य पर लगा हुआ है,लेकिन रेलकोच मे फैले भ्रष्टाचार और गंदगी के अम्बार की तरफ उनका बिल्कुल ध्यान नही है।रेलकोच कारखाने मे बीते वर्ष मे कई बार दुर्घटनायें हो चुकी है।आज तक किसी भी दुर्घटना के दोषी व्यक्ति को दंडित नही किया गया है।उसी तरह सफाई के लिये सैकडो स्वीपर कार्यरत है,लेकिन भ्रष्टाचार के चलते कम कर्मचारी सप्लाई कर अधिक का भुगतान ठेकेदारों के द्वारा लिया जा रहा है।साथ ही सफाई व्यवस्था की तरफ भी किसी का ध्यान नही है।अब देखना यह है कि गणतंत्र दिवस के मौके पर भी रेलकोच के आसपास सफाई होती है या नही।
अनुज मौर्य/सन्दीप फ़िज़ा रिपोर्ट