रायबरेली। देश के 10 महासंघों के केन्द्रीय फेडरेशनों, राज्य कर्मचारियों ने हड़ताल के राष्ट्रव्यापी आहवान के तहत धरना-प्रदर्शन कर रहे मजदूर संगठनों व कर्मचारियों ने रेलवे स्टेशन से सामूहिक रूप से जुलूस निकाल कर घण्टाघर, सुपरमार्केट होते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचकर ज्ञापन दिया।
कलेक्टे्रट में हुई सभा को संबोधित करते हुए ऐक्टू अध्यक्ष विजय विद्रोही ने कहा मोदी सरकार को जितने लोगों ने वोट दिया था उससे तीन करोड ज्यादा लोग दो दिनों से राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल है। यह हड़ताल एफडीआई की नीति, बैकों के मर्जर निजीकरण असंगठित व ठेका मजदूरों के हितों 18 हजार रुपए मासिक वेतन साहित मोदी सरकार द्वारा पूंजीपति परस्त नीतियों के विरूद्ध हो रही है। मोदी सरकार कार्पोरेट आकाओं को खुश करने के लिए देश के 44 श्रम कानूनों को बदल रही है। सभा मे इंटक नेता डीएस मिश्रा ने कहा सरकार ने नोटबंदी के द्वारा जनता का पैसा बैकों में जमा कराया और उस पैसे को पूंजीपतियो को सौंपा दिया। यह सरकार मजदूरों, किसानों के लिए सबसे खराब साबित हुई है। एचएमएस नेता अरविन्द सिंह चौहान ने कहा देश के स्कमी वर्करों को कर्मचारी का दर्जा देने व नई पेशन स्कीम के खिलाफ कर्मचारियों की बात मोदी सरकार नहीं सुन रही है। सभा को खुशी राम चौधरी, डीपी पाल, श्रीराम यादव, महेन्द्र सोनकर, मुस्ताक अहमद, आइसा नेता टीपू सुल्तान, एहसान खान आदि लोग शामिल रहें। इसके बाद महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित 16 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा गया।