हिंदी साहित्य ने खोया एक प्रखर आलोचक

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बछरावां (रायबरेली)। भारतीय हिंदी जगत में प्रगतिशील समीक्षक समुदाय के एक महान योद्धा को नामवर के रूप मे खो दिया है, जिसकी भरपाई संभव नहीं है ,यह विचार हैं दयानंद महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ राम नरेश के जो उन्होंने आज महाविद्यालय प्रांगण में डॉक्टर नामवर के निधन पर आयोजित शोक सभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि नामवर सिंह की समीक्षाएं हिंदी जगत को एक नई दिशा देती थी जिसका अब आभाव हो गया है। इसी क्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ सुभाष श्रीवास्तव ने कहा कि मार्क्सवादी विचारधारा का विश्लेषण करने वाली यह देश व हिंदी साहित्य जगत मैहरूम हो गया है ।इसकी भरपाई अब संभव नहीं हो सकेगी ।इस मौके पर डॉ साधना त्रिपाठी ,विनय सिंह, अनीता पाल, के बी गौड़, उमापतित्रिपाठी, राम प्रवेश तिवारी, भारी संख्या मे कॉलेज के छात्र छात्राये व बौद्धिक वर्ग के द्वारा नामवर सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

रिपोर्ट-अनुज मौर्य/अनूप कुमार सिंह

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