होनहार छात्र/छात्राए हुए सम्मानित डीएम-एसपी ने 2 दर्जन से अधिक मेधावी छात्र/छात्राए को प्रशस्त्रि पत्र देकर किया उत्साह वर्धन

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सफलता के लिए मेहनत व लगन के लिए किताब-कापियों होगा जुझना तब मंजिल होगी आसान : डीएम-एसपी

रायबरेली। जिलाधिकारी नेहा शर्मा व पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सिंह ने बचत भवन के सभागार में उत्तर प्रदेश यूपी बोर्ड/केन्द्रीय शिक्षा बोर्ड नई दिल्ली के 2 दर्जन से अधिक अच्छे अंकों से हुए उत्तीण मेधावी छात्र/छात्राओं को प्रशस्त्रि पत्र व मेडल देकर सम्मानित किया तथा अपने सम्बोधन में बताया कि दुनिया में आगे बढ़ने का एक मात्र रास्ता कड़ी मेहनत पक्का इरादा है। उन्होंने कहा कि किसी सफलता के लिए स्टेप बाई स्टेप कार्य कराना चाहिए। किसी भी सफलता के लिए 99 प्रतिशत कर्म व एक प्रतिशत भाग्य माना जा सकता है। पढ़ाई कोई शॉटकट रास्ता नही है। उसे मेहनत व लगन से किताब-कापियों से जुझना होगा तभी परिणाम अनुकूल होगा। अनुशासन के बिना एक पल जिन्दगी की कल्पना कोरा स्वप्न लगता है। स्कूल के साथ ही घर पर माता पिता, अभिभावक का परिवेश अनुशासन सिखाने का एक सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा कि बच्चों का पठन-पाठन ठीक होने के साथ ही बच्चों को घरेलू, पारिवारिक व सामाजिक कार्यों में बढ़चढ़कर हिस्सा लेने की प्रवृत्ति डालना जरूरी है। शिक्षक माता-पिता व अभिभावक बच्चों को शिक्षा में अव्वल बनाने के स्वस्थ्य बनाने के साथ ही समाज के एक जिम्ेदार नागरिक की तरह कर्तव्यों का निर्वहन करना भी अत्यन्त आवश्यक है। पाठ्य पुस्तकों से चहुंमुखी विकास होता है परन्तु अच्छी शिक्षा के साथ संस्कार भी होना जरूरी है।

जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने सस्मृरण सुनाया कि जब वह कक्षा 6 में थी तब वह अपने पिता के भांति डाक्टर व नर्स बनना चाहती थी। क्योकि मुझे नर्स व डाक्टर की ड्रेस अच्छी लगती थी। परन्तु मेरे पिता किसी काम से आईएएस अधिकारी जो उस जिलें में डीएम थे लेकर गये जो किसी की मद्द से सम्बन्धित था। मेरे पिता ने डीएम को मद्द से सम्बन्धित बारे में बताया तो जिलाधिकारी ने उसे तत्काल कार्य कर दिया तब मुझे लगा कि कोई ऐसा पद है जिसमें ताकत है जो लोगों की मद्द कर सकता है। इसलिए मैंने आईएएस करने का सकल्प लिया। इसी प्रकार पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सिंह ने भी अपने सम्बोधन में कहा कि मै भी एक गरीब परिवार से हूँ मैने भी मेहनत व लगन से पढ़ाई करके आगे बढ़ा और आईपीएस बना। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरी में कोई भी पद बढ़ा व छोटा नही होता है। सबका अपना-अपना दायित्व व कर्तव्य है। न्यायाधीश, वैज्ञानिक, वनाधिकारी, तहसीलदार, लेखपाल, एसडीएम, सूचना अधिकारी, इस्पेक्टर, चिकित्साधिकारी, अध्यापक, इन्जीनियर, भारतीय राजस्व सेवा, भारतीय इन्जीनियरिंग सेवा, भारतीय सूचना सेवा, भारतीय आर्थिक व सांख्यकीय सेवा, भारतीय रेलसेवा, पुलिस सेवा, सेना आदि सभी सेवाएं व सभी पद अपने-अपने कार्यो में महत्वपूर्ण होते है।
इस मौके पर एडी सूचना प्रमोद कुमार, डीआईओएस चन्द्रशेखर मालवीय, आदि सहित बड़ी संख्या के कई विद्यालयों के छात्र/छात्राओं के साथ शिक्षगण भी उपस्थित थे।

अनुज मौर्य रिपोर्ट

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