गाडिय़ों की आवाजाही पर लगा ब्रेक पाँच महीने में बाईपास ध्वस्त
रायबरेली (लालगंज)। एनएच 232 – लालगंज बाईपास के निर्माण में व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल खुल गई।नवनिर्माण बाईपास को लेकर एनएचएआई में खलबली मच गई। प्रधानमंत्री द्वारा किया गए लोकार्पण बाईपास लालगंज मार्ग 5 माह के भीतर हुआ ध्वस्त बाईपास मार्ग,एनएचएआई के आदेश पर बंद किया गया बाईपास मार्ग लालगंज कस्बे के बाहर से बने बाईपास रोड़ को देर शाम अचानक बंद कर दिया गया। जिसकी वजह से भारी वाहन चालकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। बीच से बंद किए गए मार्ग तक पहुंचने के बाद लोगों को वापस कस्बे के अंदर वाहन ले जाना समस्या बनी रही। जिसके चलते कस्बे में भारी जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। उल्लेखनीय है कि लालगंज फतेहपुर मुख्य मार्ग को लालगंज रायबरेली मुख्य मार्ग से मिलाते हुए बाईपास रोड बनाया गया है। इसी मार्ग से भारी वाहन व जाम से बचने के लिए छोटे वाहन भी निकलते हैं। अचानक लालगंज कस्बे में जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। भारी व छोटे वाहन भी लालगंज कस्बे के अंदर से आवागमन करते देखे गए। पता किया गया तो पता चला कि दतौली गांव के सामने बाईपास रोड पर एक तरफ मिट्टी का ढेर तथा दूसरी तरफ सीमेंट के पाइप टुकड़े डालकर बाईपास के ओवर ब्रिज वाला बीच का मार्ग बंद कर दिया गया है। यह मार्ग बंद करने की सूचना कोतवाली पुलिस को नहीं दी गई ना ही किसी प्रकार का बोर्ड लगाया गया। रात के अंधेरे में वाहन चालक बाईपास रोड समझकर फर्राटा भरते हुए तेज गति से निकले लेकिन एक तरफ सीमेंट के पाइप तथा दूसरी तरफ मिट्टी के ढेर देखकर उन्हें वाहन मोड़ कर वापस लंबा रास्ता काट कर कस्बे के अंदर से आवागमन करना मजबूरी बन गई। कई वाहन तो अंधेरे में मिट्टी के ढे़र व पाइप के टुकड़ों से लड़ते-लड़ते बचे। प्रशासन की घोर लापरवाही के चलते लोगों में खासा आक्रोश देखा गया। माना जा रहा है कि नवनिर्मित बाईपास रोड कुछ महीनो में ही पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। जगह-जगह पर सड़क धंस गई है। बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। इसी की मरम्मत को लेकर यह बीच का हिस्सा बंद किया गया है। निरीक्षक राजेश सिंह से इस बाबत पूछने पर कहा कि उक्त बाईपास रोड पर बने उपरिगामी सेतु में आई तकनीकी खामी के चलते एनएचएआई ने मार्ग बंद कराया है। इस संबंध में परियोजना निदेशक ने एक पत्र भी जारी किया है।रायबरेली की ओर जाने वाले भारी वाहनों के सामने दिक्कत बन गई है।
अनुज मौर्य/सन्दीप फ़िज़ा रिपोर्ट