महराजगंज (रायबरेली)। क्षेत्र के अन्नदाताओं के साथ साथ छुट्टा पशु राहगीरों के लिए भी मुसीबत बनते जा रहे हैं।इन पशुओं के चलते जहां एक ओर क्षेत्र के अन्नदाता परेशान हैं तो वहीं क्षेत्र के मार्गो पर अपना बसेरा बना चुके इन आवारा पशुओं की वजह से अक्सर घटनाएं हो रही हैं। पशुपालक भी इन्हें सड़कों पर खुला छोड़ दे रहे हैं।
बताते चले कि क्षेत्र की प्रमुख सड़कें तबेलों में तब्दील हैं ,आने जाने वाले मार्गो पर आवारा जानवरों का बैठका आम है जिसके चलते महराजगंज से मऊ मार्ग, हलोर मार्ग,परहेमऊ मार्ग,बछरांवा मार्ग की सड़कों पर चलना खतरे से खाली नही है जिसके चलते मार्ग से गुजरने वाले छोटे-बड़े वाहनों को छुट्टा पशुओं से गंभीर खतरा पैदा हो गया है।वहीं पिछले दिनों से इन आवारा पशुओं की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही हैं।हालात तो यह है कि कभी-कभी झुंड की शुक्ल में छुट्टा जानवर रोड पर जाम लगा देते हैं।योगी सरकार के पशु प्रेम के चलते अचानक छुट्टा पशुओं की तादाद में इजाफा हो गया है।यह पशु पनाह के लिए सड़क मार्गो की शरण ले रहे हैं।सड़क मार्ग पनाहगाह में तब्दील होने के बाद मार्ग से गुजरने वाले वाहनों की सुरक्षा में भी गंभीर खतरा पैदा हो गया आपको बता दें कि आए दिन क्षेत्र के मऊ, हलोर, परहेमऊ, सलेथू , एवं महराजगंज कस्बे के मार्गो पर जानवरों की वजह से कई हादसे होते रहे और कइयो कि तो जान चली गई। वहीं जब वाहन चालको से बात की गई तो उन्होंने बताया कि आवारा पशुओं की संख्या में काफी बढ़ोतरी हो गई है।जिससे हर समय दुर्घटना का खतरा बना रहता है।और कभी कभी तो पशुओं का झुंड सड़क मार्ग बसेरा बनाकर बैठ जाता है।जिससे वाहन चालकों को काफी मुश्किलें होती हैं। रातों में न दिखने के कारण यह जानवर स्वयं चोटिल होने के साथ वाहन सवारों के लिए भी खतरा बन जाते हैं।वहीं स्थानीय ग्रामीण एवं राहगीरों ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा इन जानवरों से निजात के लिए प्रशासन कोई ठोस कदम उठाएं अन्यथा हम सभी धरना प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे।
अनुज मौर्य/अशोक यादव रिपोर्ट