‘उल्टे हो रहे हैं सारे काम, त्राहिमाम-त्राहिमाम’

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रायबरेली। बौद्धिक विचार मंच एवं पारंपरिक साहित्यकार परिषद, उप्र की ओर
से पं. गोपीनाथ मिश्र स्मृति सम्मान समारोह व कवि सम्मेलन का आयोजन
ऊंचाहार क्षेत्र के सादे की बाजार अरखा में किया गया। कार्यक्रम में
साहित्य, समाजसेवा तथा पत्रकारिता के क्षेत्र में सराहनीय कार्य के लिए
कई लोगों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में
इलाहाबाद जिले के पूर्व विधायक प्रभा शंकर पांडेय मौजूद रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर दीप
प्रज्वलन व माल्यर्पण के साथ हुई। इसके बाद आयोजक डा. पुष्कर मिश्र ने
अतिथियों का माल्यर्पण कर स्वागत किया। बाद में संस्था के अध्यक्ष देवी
प्रसाद मिश्र ‘वेदांती’ ने प. गोपीनाथ मिश्र स्मृति सम्मान लखनऊ के
ओजस्वी कवि राम किशोर तिवारी को प्रदान किया।  ज्ञान देवी मिश्रा स्मृति
सम्मान से एफजी कालेज की पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. चम्पा श्रीवास्तव
को सम्मानित किया गया। जबकि समाज सेवा के लिए अवनेंद्र पांडेय व
पत्रकारिता के लिए रमेश कुमार शुक्ला को स्मृति चिन्ह व अंग वस्त्र देकर
सम्मानित किया गया। बाद में कवि सम्मेलन की शुरूआत कु. सानिया सिंह की
वाणी वंदना से हुई। कवि निर्मल श्रीवास्तव ने अपनी रचना पढ़ी- ‘चैनों अमन
की चांदनी चमके, इसीलिए गीत प्रेम के गाता हूं।’ कवि प्रभाकर मिश्र ने
पढ़ा-‘उल्टे हो रहे हैं सारे काम, त्राहिमाम, त्राहिमाम। कवि पीयूष मिश्र
की कविता- ‘शूल के पथ चले तो वरण हो गए, भव्य भारत के वो आचरण हो गए, राम
जैसा यहां होगा किरदार क्या, राष्ट्र गरिमा के जो व्याकरण हो गये’ खूब
सराही गयी। कवि शैलेंद्र गुलशन, बृजेश तनहा, प्रताप बाराबंकवी, देवेश
वेदांती, कपिल त्रिपाठी, राजेन्द्र बहादुर सिंह, प्रेमचंद, मजीद रहबर ने
भी अपनी रचनाओं से श्रोताओं की खूब वाहवाही बटोरी। संचालन कवि राम किशोर
तिवारी ने किया। मौके पर रामचन्द्र मिश्र, छेदीलाल, विकास, जीएन शुक्ला,
केशनाथ, देशराज, प्रत्यूष, मयंक, राहुल व विपिन आदि मौजूद रहे।

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