डीएम साहिबा! अधिकारी कर रहे हैं आप को गुमराह
ऊंचाहार (रायबरेली)। सरकार चाहे जितने भी दावे कर ले मगर जमीनी हकीकत कुछ दूसरा ही बयां करती हैं । जिले की डीएम चाहे जितनी सख्त हो जाएं मगर ब्लॉक स्तर के अधिकारियों की लापरवाही से जिले की डीएम की मंशा पर पानी फिर रहा है। सरकार की अनेकों योजनाएं ग्रामीणों को नहीं मिल पाती हैं। जिले की ईमानदार कर्मठ सील तेजतर्रार गरीबों के दुख दर्द को सुनने वाली रायबरेली जिले की डीएम नेहा शर्मा को भी अधिकारी भ्रमित कर रहे हैं। बिना जांच किए ही कागजों पर ही रिपोर्ट सौंप रहे हैं। जबकि तस्वीरें कुछ और बयां करती हैं, जी हां हम बात कर रहे हैं ऊँचाहार विकास खंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत सराय हरदो के ग्राम व पोस्ट भीलमपुर गांव की यहां पर ग्रामीणों को अभी तक शौचालय नहीं मिल पाया है और ना ही पीने के लिए नल की उचित व्यवस्था है। 40 घरों को एक ही नल से पानी भरने पड़ता है जो लगभग 300 मीटर दूरी पर स्थित है। यहीं के ग्रामीणों की समस्या को लेकर कंचन टुडे न्यूज़ नेटवर्क ने इस खबर को अधिकारियों की उदासीनता के चलते खुले में शौच के लिए जाने को मजबूर है ग्रामीण शीर्षक से प्रमुखता से सोशल मीडिया पर चलाया था, जिस पर जिले की डीएम साहिबा ने मामले को संज्ञान लिया और ग्राम विकास अधिकारी को तलब किया और उनसे जांच कर रिपोर्ट मांगी। बड़े मजे की बात है कि जिले की डीएम को भी ब्लॉक स्तर के अधिकारियों ने भ्रमित किया और कागजों पर ही जांच के ही रिपोर्ट सौंप दी और रिपोर्ट में लिखा कि ग्राम पंचायत सराय हरदो में कुल 212 पात्र लाभार्थियों का शौचालय निर्माण कराया जा चुका है। साथ ही अब ग्राम पंचायत सराय हरदो व राजस्व ग्राम भीलमपुर में शौचालय हेतु कोई भी पात्र लाभार्थियों अवशेष नहीं बचा है। साथ ही राजस्व ग्राम भीलमपुर में कुल 18 इंडिया मार्का हैंडपंप लगे हुए हैं। सोशल मीडिया पर कंचन टुडे न्यूज़ नेटवर्क की चलाई गई खबर को निराधार बताया जबकि ग्राम भीलमपुर की तस्वीरें कुछ और बयां कर रही हैं। लोग खुले में शौच को जाने के लिए मजबूर हैं । ग्रामीणों का कहना है कि तीन तीन बार शौचालय के लिए फार्म भरा गया लेकिन शौचालय नहीं दिया गया और पीने के लिए पानी को बहुत दूर से लाने जाना पड़ता है और 40 घर के बीच में एक नल होने के कारण उसमें काफी भीड़ लगी रहती है और अगर नल खराब हो जाता है तो लोगों को पीने के लिए ट्यूबवेल से पानी भरना पड़ता है। अब जिला अधिकारी को भेजे गए जवाब में खंड विकास अधिकारी द्वारा जारी पत्र भी सवालों के घेरे में आ गया है। जब भीलमपुर गांव के लोगों से बात की गई तो बहुत से तथ्य फिर सामने आए जिन्हें भुलाया नहीं जा सकता है, वहां के लोग काफी आक्रोशित हैं व परेशान हैं। ग्रामीणों द्वारा मुख्यमंत्री के पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई गई है। अब जिलाधिकारी रायबरेली के द्वारा गठित उच्च स्तरीय जांच कमेटी चौपाल के माध्यम से जांच करेगी तब ही दूध का दूध और पानी का पानी साफ हो पाएगा।
अनुज मौर्य /मनोज मौर्य रिपोर्ट