महराजगंज (रायबरेली)। हाईटेंषन पोल पर चढ़कर लाइन ठीक कर रहा प्राइवेट कर्मी करंट की चपेट में आ गया जिसके चलते वह नीचे गिर कर गम्भीर रूप से घायल हो गया जब तक उसे ग्रामीण अस्पताल पहुंचाते उसकी मौत हो चुकी थी। विभाग की लापरवाही से नाराज ग्रामीणों ने पहले तो अस्पताल में हंगामा काटा उसके बाद चन्दापुर चैराहे पर शव रखकर जाम लगा प्रदर्षन शुरू कर दिया। मामले में पहुंचे कोतवाल लालचन्द सरोज ने ग्रामीणों को समझाबुझाकर जाम समाप्त कराया।
जानकारी के अनुसार पाराकला स्थित कस्तूरबा विद्यालय के पास 11000 लाइन पर चढ़कर ओसाह निवासी सूर्यभान मौर्य पुत्र रामेष्वर लाइन ठीक कर रहा था अचानक करंट की चपेट में आने से वह नीचे गिर गया और गम्भीर रूप से घायल हो गया। घायलावस्था में उसे महराजगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लाया जा रहा था तभी रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी। अस्पताल के उपस्थित चिकित्सक अनिल भारद्वाज ने बताया कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी। वहीं मृतक के भाई राकेष कुमार मौर्य ने बताया कि उसके भाई ने लाइन ठीक करने के लिए विभाग के आपरेटर चन्द्रेष मौर्य से मोबाइल के जरिये सट डाउन लिया था जिसके बावजूद लाइन चालू कर दी गयी जिसके चलते सूर्यभान करंट की चपेट में आ गया। वहीं मामले में विभाग के किसी भी अधिकारी के अस्पताल न पहुंचने से नाराज ग्रामीणों ने राकेष त्रिवेदी उर्फ आलू महराज की अगुवाई में शव को चन्दापुर चैराहे पर रखकर हंगामा शुरू कर दिया। जाम की जानकारी होते ही पहुंचे कोतवाल लालचन्द सरोज ने कार्यवाही का आष्वासन देते हुए जाम समाप्त कराया। वहीं घटना की जानकारी पर पूर्व सपा विधायक राम लाल अकेला, भाजपा नेता शरद सिंह सहित कई जनप्रतिनिधियों ने पहुंचकर विभाग के प्रति आक्रोष जताया है।
इसके पूर्व भी आपरेटर की लापरवाही से हो चुकी है घटना
हाईटंेषन पोल पर चढ़े कर्मचारी के साथ यह पहली घटना नही है छः माह पूर्व भी आपरेटर चन्द्रेष मौर्य की लापरवाही से एक प्राइवेट कर्मचारी करंट की चपेट में आकर गम्भीर रूप से झुलस गया था। वहीं मामला गरमाते देख यह कर्मचारी शट डाउन न लेने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ रहा है।
एसडीओ, जेई सहित कई कर्मचारियों पर लगे गम्भीर आरोप
सूर्यभान की मौत के बाद परिजनों द्वारा विभाग के एसडीओ, जेई लाइनमैन सहित कई कर्मचारियों के खिलाफ तहरीर देकर मुकद्मा दर्ज कराये जाने की बात कही जा रही है। परिजनों ने बताया कि घटना की जानकारी होने पर जिम्मेदारों द्वारा पहले तो कहा गया कि वह विभाग का कर्मचारी ही नही है। वहीं घटना के बाद किसी भी जिम्मेदार अधिकारी द्वारा अस्पताल जाना भी मुनासिब नही समझा गया।
अनुज मौर्य/अशोक यादव रिपोर्ट