महराजगंज (रायबरेली)। क्षेत्र स्थित महराजगंज दुसौती व महराजगंज से चंदापुर मार्ग खस्ताहाल होने से आये दिन राहगीर व स्कूली बच्चे गिरकर घायल हो रहे हैं। आए दिन धूल मिट्टी उड़ने, दुर्घटना मे इजाफा होने से आजिज ग्रामीणों ने हेलमेट लगाकर सड़क पर विरोध प्रदर्शन किया । प्रर्दशन कर रहे ग्रामीणों ने कहा की सडक पूरी तरह गड्ढों मे तब्दील है जिससें लोगो का चलना मुश्किल है किन्तु जिम्मेदार कुम्भकर्णीय नींद मे सोए हुए है उनको जगाने एवं अपनी आवाज ऊपर तक पहुचाने क़े लिए सभी को सडको पर हेलमेट लगा कर उतरना पड़ा है ।
बताते चलें कि क्षेत्र के महराजगंज से चंदापुर मार्ग व महराजगंज से दुसौती मार्ग गड्ढो में इस तरह तब्दील हो चुका है कि वहाँ आये दिन हादसे होते रहते है और लोगों को अपनी जिंदगी तक गवानी पड़ रही है। ग्रामीणों ने कई बार उच्चाधिकारियों को लिखित शिकायत तक की किन्तु नतीजा शून्य रहा। जिससें आजिज आकर क्षेत्रीय ग्रामीणों अभिषेक यादव, प्रमोद कुमार, अभय कुमार, रिंकू सिंह ने विरोध का अनोखा तरीका निकाल सड़कों पर हेल्मेट पहनकर गड्ढों को ढकने का काम करते हुए दिखाई पड़े । इस अनोखे विरोध को लेकर जब ग्रामीणों से बात की गई तो उनका कहना है कि सरकार ने हादसों को देखते हुए नए नए नियम व कानून बनाकर वाहन स्वामियों पर जुर्माने की धनराशि में बेतहाशा वृद्धि की है पर हादसों की असली वजह तो ये मौत के गड्ढे है जिन्हें सरकार के नुमाइंदे भरने का काम नही कर रहे हैं। और न ही टूटी सड़कों की मरम्मत ही की जा रही । फिलहाल ग्रामीणों की इस पहल का क्षेत्रीय लोगो ने स्वागत कर कहा है की जल्द ही सड़क निर्माण ना किया गया तो बहरे प्रशासनिक अमले को जगाने को लेकर अन्य लोग भी इसी तरह प्रदर्शन करने को बाध्य होगे ।
हेलमेट लगा जर्जर सड़क पर प्रदर्शन करते ग्रामीण ।
अमेठी, रायबरेली वासियों को इस मार्ग से लखनऊ जाने पर लगभग 25 किमी दूरी कम तय करनी पड़ती है।
महराजगंज से वाया दुसौती निगोहां मार्ग जनपद अमेठी, रायबरेली व राजधानी लखनऊ को आपस में जोड़ने का सीधा व सरल मार्ग है। अमेठी व रायबरेली आंशिक क्षेत्रवासियों को इस मार्ग से राजधानी लखनऊ जाने पर 20 से 25 किमी कम रास्ता तय करना पड़ता है। यह मार्ग जब ठीक ठाक हालत में था तब अमेठी व रायबरेली वासी इसी मार्ग से लखनऊ जाते थे। लेकिन इस मार्ग के गड्ढे में तब्दील होने से अमेठी व रायबरेली वासियों को 20 से 25 किमी लंबा रास्ता तय करना पड़ता है।
अनुज मौर्य/अशोक यादव रिपोर्ट