रायबरेली। वायु प्रदूषण बढ़ने से लोगों की परेशानियां भी बढ़ गई हैं। जहरीली हवा में लोग सांस लेने को विवश हैं। उधर, स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस संबंध में अधिकारी मौन हैं।
रायबरेली जनपद में प्रदूषण को लेकर स्थिति खराब होती जा रही है। सर्दियां शुरू होते ही प्रदूषण का स्तर भी बढ़ने लगा है।
यहां पर प्रदूषण का स्तर बहुत खराब है। जिले का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) लगातार बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को यह 396 था।जो मानक में बहुत खराब के रूप में दर्ज किया जाता है इसके बावजूद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कार्य केवल विभागों और संस्थाओं को नोटिस जारी करना मात्र रह गया। इससे आगे कार्रवाई नहीं बढ़ती है।
खुले में जला रहे कूड़ा
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा विभागों को प्रदूषण रोकने के निर्देश जारी किए जाते हैं। वायु प्रदूषण में धुएं की सबसे बड़ी भूमिका है। एनजीटी ने कूड़ा जलाने पर रोक लगा रखी है। नगर पालिका की जिम्मेदारी है कि किसी भी तरह का कूड़ा जलाया न जाए। लेकिन शहर में जहां तहां कूड़े में आग लगाई जा रही है।
ढककर नहीं हो रहे निर्माण
वायु प्रदूषण में सबसे ज्यादा धूल के कण होते हैं। यह निर्माण कार्यों से उड़ते हैं। भवनों का निर्माण इस तरह होना चाहिए कि धूल न उड़े। निर्माण स्थल को ढका जाना चाहिए। लेकिन इस तरफ कोई ध्यान नहीं देता। इसके अलावा जिलों की सड़कों की हालत भी बेहद खराब है। लालगंज फतेहपुर हाईवे की हालत बेहद खराब है। गड्ढों से उड़ती धूल पूरे वातावरण को प्रदूषित कर रही है। साथ ही ग्रामीणों को सांस की बीमारियों की चपेट में ले रही हैं।
धुआं उगल रहे पुराने वाहन
एनजीटी ने पुराने डीजल एवं पेट्रोल वाहनों पर रोक लगा दी है। इसके बावजूद शहर में बड़े पैमाने पर पुराने टैक्सी वाहन चल रहे हैं। साथ ही परिवहन निगम की बसे भी इससे अछूती नही है वाहनों से फैल रहे प्रदूषण को रोकने की जिम्मेदारी परिवहन विभाग की है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने परिवहन विभाग को प्रदूषण फैला रहे वाहनों पर रोक लगाने के लिए पत्र लिखा है। लेकिन इसका भी कुछ असर नहीं हो रहा है।
जिलाधिकारी ने बैठक में दिए थे ये निर्देश
जिलाधिकारी द्वारा समस्त जिले के अधिकारियों के साथ बैठक कर 16 बिंदुओं पर चर्चा की गई थी कि जो भी इन नियमों का उल्लंघन करे उन पर तत्काल कार्यवाही करी जाए लेकिन जिलाधिकारी की बातों को शायद जिले के अधिकारी हल्के में ले रहे है
जिले में बड़े पैमाने पर उद्योग जहरीला धुआं उगल रहे हैं। इसके बावजूद बोर्डद्वारा कोई कार्रवाई नही की जा रही है
वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का मानक
एक्यूआई मानक
0-50 अच्छा
50-100 संतोषजनक
101-200 मध्यम
201-300 खराब
300-400 बहुत खराब
400 से ज्यादा गंभीर
क्या है विभाग के नियम
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड प्रदूषण की मानीटरिंग करता है। विभागों की जिम्मेदारी है कि प्रदूषण को रोकने के लिए प्रभावी कार्रवाई करता हैं वही हर विभागों को पत्र भेजकर निर्देश भी जारी किए जाते हैं।लेकिन जिले का प्रदूषण विभाग के अधिकारियों को इन सब नियमो से कोई मतलब नही केवल हवा में कागज़ी कार्यवाही कर देते है अब देखना है ईस बढ़ते संकट को रोकने के लिए विभाग कुछ करता भी है या नही ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा।
अनुज मौर्य रिपोर्ट