एक ऐसा गाँव जहाँ लोग का जीवन 40 साल पुराना जैसा

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महराजगंज (रायबरेली)। अमावां ब्लाक का कुछ क्षेत्र परसिमन मे अलग होने क़े बाद जब से बछरावाँ विधानसभा मे जोडा गया है तब से पूर्णतया विकास से अछूता है । क्षेत्रीय लोगो का कहना है की इस क्षेत्र मे जनप्रतिनिधियों एवं प्रत्याशी महोदय ऐसे की वोट लेने क़े बाद जनता से भेंट करने की उन्हें अब तक फुर्सत नही ।

बताते चले की 2004 मे अमावां क्षेत्र को सदर विधानसभा से काट बछरावा विधानसभा मे जोड़ा गया तब से इस क्षेत्र क़े विकास को कोई पूछने वाला नही मिला । कई सरकारे आई एवं कई सरकारे गई लेकिन इस ओर किसी ने देखना मुनासिब नही समझा। लगभग 20 हजार वोटरो की क्षमता रखने वाला यह क्षेत्र मायूसी भरे दिनो से गुजर रहा है । लोगो का कहना है की जनप्रतिनिधियों क़े मुंह मोड़ लेने से अधिकारियो कर्मचारियो ने भी योजनाओं क़े क्रियान्वयन से लेना देना छोड़ दिया है । इंटर कालेज, डिग्री कालेज, अस्पताल,खेल मैदान, बारात घर आदि जरुरतो से वंचित ग्रामीणों को तोहफे मे बदहाल सड़के मिली है। उपेक्षा का शिकार क्षेत्र के लोगों ने मूलभूत सुविधाओं के लिए कई बार इसकी आवाज उठाई लेकिन उनकी आवाज सुनने वाला शायद कोई नहीं है या क्षेत्र जब से कटा नया इधर का रहा ना उधर का रहा। इस क्षेत्र की लगातार हो रही उपेक्षा से क्षेत्रीय लोग अपने आप को काफी ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं और उनकी मांग है कि जिस तरह दूसरे क्षेत्रों का विकास हो रहा है उस तरह हमारे क्षेत्र का भी विकास हो । ग्रामीण राजाराम यादव,माताफेरपाल,उदय पासी, गुड्डूयादव , रामसजीवन,डां सुरेश यादव ,पुत्तन साहू,गुड्डू लाला,बीरपाल यादव, राम आसरे, उदल, , दल बहादुर यादव, दुर्गेश पासी आदि लोगों का कहना है कि यही हाल रहा तो क्षेत्र क़े लोग आन्दोलन करने को बाध्य होगे ।

अनुज मौर्य/अशोक यादव रिपोर्ट

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