डलमऊ (रायबरेली)। विकासखंड डलमऊ में आधे से अधिक सहकारी समितियां घाटे पर चल रही जिनकी ऋण सीमा चोक हो चुकी है जिसका खामियाजा क्षेत्र के किसानों को भुगतना पड़ रहा है समितियों के घाटे में होने की वजह से उनको उधार खाद नहीं मिल पा रही है विकासखंड डलमऊ में 12 सहकारी समिति व एक सहकारी संघ है जहां पर किसानों को सब्सिडी पर खाद दी जाती है विकासखंड में मात्र घोरवारा राधाबालमपुर एवं लोदीपुर उतरावां तीन समितियां ऐसी है जहां पर किसानों को ऋण पर खाद उपलब्ध होती है समिति कंधरपुर बराराबुजुर्ग मधुकरपुर ऐहार नाथखेड़ा जोहवा नटकी सहित नौ समितियों में खाद के लिए किसानों को नगद रुपया जमा करना पड़ता है जिससे उनके फसलों की बुआई समय से नहीं हो पाती है जिन किसानों के पास नगद धनराशि नहीं होती है उन्हें खाद से वंचित रहना पड़ता है खाद ना मिलने की वजह से उनके खेतों में फसलों की पैदावार प्रभावित होती है लेकिन इस पर जिम्मेदार कर्मचारियों का ध्यान नहीं जा रहा किसान गुरु प्रसाद सुंदरलाल राजेश कुमार जागेश्वर रामआसरे रामस्वरूप अनिल कुमार रामेश्वर अवधेश कुमार आदि का कहना है कि विगत कई वर्षों से समितियों के घाटे में होने की वजह से किसानों को ऋण पर खाद नहीं मिल रही है जिससे मजबूरी में बाहर से मूल्य से अधिक दामों पर खाद खरीद करके खेतो में डालनी पड़ती है आखिर समितियों के घाटे में होने का जिम्मेदार कौन है इस पर सभी अपना पल्ला झाड़ लेते हैं किसानों ने बताया कि वह समितियों के सदस्य हैं उन्होंने सदस्यता शुल्क जमा कर रखा है फिर भी ऋण पर खाद नहीं मिलती है इस बाबत सहायक विकास अधिकारी कॉपरेटिव मारूफ खान ने बताया कि विकासखंड में 12 समितियों में से 9 समितियां चोक (इन बैलेंस) हैं इस वजह से 9 समितियों में ऋण पर किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है।
अनुज मौर्य/विमल मौर्य रिपोर्ट