सलोन,रायबरेली।कोरोना वायरस से बचाव के लिए किए गए लॉकडाउन के चलते दूसरे जिलों में रोजी-रोटी कमाने गए सैंकड़ों श्रमिकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ट्रेन के साथ अन्य वाहनों की आवाजाही बंद होने की वजह से ये लोग घर वापसी के लिए पैदल चलकर सैंकड़ों किलोमीटर की दूरी तय करने को मजबूर हो रहे है।अगर शासन ने जल्द ही इस समस्या का समाधान नही किया तो स्थित और विकराल हो सकती है।हालांकि लॉक डाउन के इस दौर में स्थानीय पुलिस,प्रशासन और मीडिया कर्मी जरूरतमंदों की खूब मदद कर रहे है।जनपद प्रतापगढ़ थाना लालगंज आझार के खजूरी गांव के रहने वाले 28 वर्षीय अजय सिंह पुत्र लाल बहादुर लखनऊ की एक पान मसाला फैक्ट्री में काम करता था।कोरोना वायरस के चलते अब फैक्ट्री में ताला लगा हुआ है।जेब मे पैसे नही है।खाने को कुछ नही है,सड़क पर संसाधन नही।ऐसे में युवक अपनी पत्नी शिखा सिंह के साथ गुरुवार सुबह तीन बजे पैदल गांव के लिए निकल पड़ा।सलोन पहुँचने पर पुलिस और मीडिया कर्मियों की नजर पड़ी।जिसके बाद एक स्थानीय रिपोर्टर ने उन्हें खाने पीने का सामान उपलब्ध करवाया।पुलिस की सुरक्षा में दोनों दम्पति सड़क किनारे एक तख्त पर रात भर आराम करने के बाद सुबह अपने घर चल दिये।ऐसे ही मछली शहर जौनपुर से डेढ़ सौ किलो मीटर पैदल चल कर लोग गुजर रहे थे।सलोन तहसील चौराहे पर पुलिस कर्मियों की नजर पड़ी।पूंछतांछ में युवको ने अपना नाम जयराम पुत्र प्रकाश निवासी ऊँचीय,चरण सिंह पुत्र बाबूलाल केवट,अरुण पुत्र अयोध्या निवासीगण ज्ञानपुरा जनपद भिंड,राजेश और जीतू पुत्रगण कैलाश निवासी सीहोर जनपद फतेहपुर सीकरी बताया।श्रमिको के मुताबिक जौनपुर के मछली शहर में पानी के पानी के बतासे बेचते थे।और लॉक डाउन होने की खबर के बाद बस स्टेशन और अन्य संसाधन बन्द हो गये।25 मार्च की रात पैदल घर के लिए सभी लोग चले है।उन्होंने बताया कि उन्हें भूख लगी है।जिसके बाद पुलिस कर्मियों ने उन्हें फल देकर उनकी भूख मिटाई।
अनुज मौर्य/प्रदीप गुप्ता रिपोर्ट