तबादले के बाद मुंशी नही करा रहा रवानगी

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महराजगंज रायबरेली
दो वर्षो से चल रहे तबादले के बावजूद कोतवाली में तैनात एक मुंशी की रवानगी नही हो पा रही है। जिसके पीछे मुंशी की ऊँची पकड़ व कमाऊ पूत होने की चर्चाएं क्षेत्र में जोरों पर है। महराजगंज थाने में कई वर्षो से जमा यह मुंशी एक कोतवाल से बढ़कर पूरे थाने को चलाने का काम कर रहा है जिससे क्षेत्र की जनता भी इस पूरे खेल को समझ नही पा रही है और तबादले के बाद भी रवानगी न होने पर अचम्भित है।
बताते चलें कि कोतवाली महराजगंज में पिछली 3 वर्षों से तैनात हेंड कांस्टेबिल (मुंशी) नरेन्द्र कुमार का बीते दो वर्षो से कई बार तबादला हो चुका और 100 डायल की ट्रेनिग भी ले चुका है जिसके बाद भी आज तक उसकी रवानगी नही की जा सकी है। पूर्व में तैनात रहे कोतवाल ने इस मुंशी की कारगुजारियों के चलते इसके स्थान पर दूसरे मुंशी से कार्य लेना शुरू कर दिया था साथ ही उच्चाधिकारियों से भी इसकी रवानगी कराने की सिफारिश भी की थी। लेकिन अपनी ऊँची पकड़ के चलते इसकी रवानगी नही हो सकी। वहीं यह मुंशी/सिपाही तबादले के बाद भी कोतवाली में रहकर ही अपनी अलग से कोतवाली चला रहा है। अपनी सेटिंग गेटिंग के सहारे मुंशी ने एक बार फिर कोतवाल का वरदहस्त प्राप्त कर लिया जिसके चलते क्षेत्र की जनता में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोगो का कहना है कि क्या कोई भी तबादले के बाद भी इतने दिनों तक रोका जा सकता है। रवानगी न होने के चलते मुंशी पूरी कोतवाली में हावी होता दिखाई दे रहा वही मनबढ़ कार्यशैली से उपनिरीक्षको सहित पुलिस स्टाफ में भी आक्रोश देखा जा रहा।
लोगो का कहना है कि ईमानदार कप्तान क़ी नजरो से आखिर यह मुंशी बचा कैसे रह गया, वही कई बार तबादले के बाद भी यह मुंशी कोतवाली में वर्षो से कैसे जमा हुआ है फिलहाल इसकी भ्रष्ट कार्यशैली क़ी चर्चा क्षेत्र में जोरो पर है जिससें पुलिस की छवि पर भी खासा बुरा असर दिखाई पड़ रहा है।

अशोक यादव एडवोकेट रिपोर्ट

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