महराजगंज रायबरेली।
दो पक्षो क़ी खींचतान क़े चलते वसंत पंचमी पर बाबा ओरीदास मंदिर परिसर में लगने वाले ऐतिहासिक मेले क़े ना लगने क़ी अनिश्चितता क़े बादल अब पूरी तरह साफ हो गए है। विधायक रामनरेश रावत क़े हस्तक्षेप क़े बाद प्रशासन ने दूर दराज से आए दुकानदारों क़ो कोविड-19 क़े नियमो का पालन करतें हुए मेला लगाने क़ी अनुमति दे दी है किन्तु सायं पहर क़े बाद किसी प्रकार क़े सांस्कृतिक कार्यक्रम क़ी अनुमति नही प्रदान क़ी गयी है।
बताते चले क़ी मोन गांव स्थित बाबा ओरीदास मंदिर परिसर में मेला एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम क़ी कमान संभालने क़ो लेकर मौजूदा एवं पूर्व प्रधान क़े समर्थको में विवाद गहरा गया। जिस पर शनिवार क़ो मामला कोतवाली व तहसील प्रशासन तक पहुंच गया। मौके पर गए सीओ एवं कोतवाल द्वारा विवाद क़ो देख मेला एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम कराने क़ी अनुमति नही दी गयी।जिससें दूर दराज से आए झूला, लकड़ी एवं अन्य व्यापारी मायूस दिखाई पड़े। वही रविवार क़ी देर रात रात्रि में पहुंची कोतवाली पुलिस बल द्वारा दुकानदारों क़ो धमकाते हुए मेला परिसर खाली कराने क़ो कहा गया। जिस पर पूर्व से आए दुकानदारों द्वारा विधायक रामनरेश रावत से मेले क़े स्वरूप क़ो बरकरार रखने का अनुरोध किया गया। जिस पर दुकानदारों के अनुरोध पर प्राचीन परंपरा एवं मेले को बचाने के लिए विधायक ने प्रशासनिक अधिकारियों से गांव वालो एवं दुकानदारों क़े साथ मेला स्थल पर बैठक क़ी। मौके पर पहुंचे तहसीलदार अजय कुमार एवं कोतवाल शरद कुमार द्वारा मौखिक निर्देश देते हुए कोविड -19 क़े नियमो का पालन करतें हुए दुकानदारों क़ो सुबह से सायं 6 बजे तक मेला परिसर में दुकानें लगाने क़ी अनुमति देते हुए बताया कि सूर्यास्त के बाद कोई कार्यक्रम नहीं होगा और न ही किसी क़े द्वारा लाउडस्पीकर का प्रयोग किया जाएगा। इस दौरान ग्रामीणों एवं दुकानदारों ने विधायक रामनरेश रावत क़ी पहल पर आभार प्रकट किया। मौके पर ब्लाक प्रमुख सत्येंद्र प्रताप सिंह, चेयरमैन प्रति. प्रभात साहू, शरद सिंह सहित अन्य प्रमुख लोग मौजूद रहे।
एडवोकेट अशोक यादव रिपोर्ट