रायबरेली। मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित साक्षर
भारत मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत प्रेरकों की सेवाएं बाधित करने को लेकर
राष्ट्रीय साक्षरता कर्मी महासंघ ने आंदोलन के दूसरे चरण की शुरुआत कर दी
है। विगत 20 जुलाई को प्रेरकों ने सांसदों के विरोध में धरना प्रदर्शन कर
मामले को लोकसभा और राज्यसभा तक पहुंचाया था। इधर 23 अगस्त से उत्तर
प्रदेश में विधानसभा सत्र शुरू हो चुका है। इसे लेकर प्रेरकों ने जनपद के
विधायक एवं विधान परिषद सदस्य को अपनी मांगों को विधानसभा में रखने के
लिए ज्ञापन दे चुके हैं। आज बृहस्पतिवार को शहर स्थित विकास भवन में
प्रेरकों ने जनपद के सभी विधायकों को मामला सरकार तक पहुंचाने के लिए
धरना-प्रदर्शन के माध्यम से ध्यानाकर्षण कराने का प्रयास किया। अध्यक्षता
जिलाध्यक्ष अर्चना सिंह ने की व संचालन पारसनाथ मिश्रा ने किया। जिला
महामंत्री पवन यादव ने जनपद के सभी विधायक एवं विधान परिषद सदस्य से
आग्रह किया कि वह जनपद के 1686 साक्षरता कर्मियों के 40 माह के बकाया
मानदेय का भुगतान और एक अप्रैल से सेवाएं बहाल कराने के लिए मामले को
विधानसभा एवं विधान परिषद में सरकार के समक्ष रखें। साथ ही महामंत्री ने
इस संबंध में सीधे मुख्यमंत्री एवं मानव संसाधन विकास मंत्री को पत्राचार
करने का भी आग्रह किया है। प्रदर्शन में जिला उपाध्यक्ष रामलखन मोर्य,
राजेश कुमार वर्मा, सतीश कुमार, संत प्रसाद, गीता वर्मा, जितेंद्र प्रताप
सिंह, महेंद्र कुमार, धर्मेंद्र कुमार, सुनीता मोर्य, शीला देवी, पुष्प
लता, वीरेंद्र बहादुर आदि उपस्थित रहे।