महराजगंज रायबरेली।सरकारी धान खरीद केंद्रों में किसानों की दुश्वारियां कम नहीं हो रही हैं। महराजगंज मंडी के खाद एवं रसद विभाग के तीनों सेंटरों में किसानों की लंबी कतारे हैं तो दूसरे अन्य केंद्र कागजों में संचालित हो रहा है। सर्दी भरी रात में किसान परेशान हैं। क्रय केंद्रों में बमुश्किल एक या दो ट्राली का धान ही तौला जा रहा है। इससे किसान हफ्तों से यहां अपनी उपज लिए पड़ा है।
इस समय ज्यादातर किसानों का धान कट चुका है। मड़ाई के बाद किसान अपनी उपज बेचने के लिए केंद्रों में डेरा डाल रहे हैं। स्थानीय महराजगंज मंडी में खाद्य एवं रसद विभाग के तीन केन्द्र खोले गये, उसमे धान खरीद बड़ी मुश्किल से हो रही है किसानों के कागज गायब हो जा रहे है। केंद्र प्रभारी के खाऊ कमाऊ नीति के चलते किसानों के पास टोकन होने के बावजूद हफ्तों बाद अपने धान तोलाने के लिए लम्बा इंतजार करना पड़ रहा है । वही जब किसान क्रय केंद्र पर जाता है केंद्र प्रभारी द्वारा कोई न कोई बहाना करके टरका दिया जाता है, और किसान बिचौलियों से औने पौने दाम पर बेचने को मजबूर हो जाता , वही सोथी मे साधन सहकारी समिति बावन बुजुर्ग बल्ला पर क्रय केन्द्र खोला गया है।लेकिन किसानों का कहना है कि यहॉ पर तौल के नाम पर सिर्फ छलावा हो रहा है। किसानों को सहकारी समिति से लौटा दिया जा रहा है।समिति पर धान की तौल नही की जा रही है टोकन नही दिया जा रहा है, किसानों का कहना है कि यहां के कर्मचारियों साठगांठ से बिचौलियों का धान सीधे मील पर भेजा जा रहा है, और किसानों को तमाम बहाने बताकर क्रय केंद्र से लौटा दिया जा रहा है। समिति सिर्फ कागजों में चल रहा है।वही
महराजगंज मंडी में धान बेचने के लिए किसानों की लंबी कतारें लगी हुई हैं। मंडी से आसपास के दर्जनों गांवों के किसान जुड़े हैं। केंद्र में कतार में लगे किसानों को अपनी तौल के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। इस समय कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। मंडी में किसानों के लिए कोई इंतजाम नहीं है। सर्दी भरी रात उन्हें ट्रैक्टर-ट्रालियों के नीचे गुजारनी पड़ रही है।उपजिलाधिकारी शालिक राम ने बताया कि मामला को दिखवा रहे है।
अनुज मौर्य/एडवोकेट अशोक यादव रिपोर्ट