महराजगंज रायबरेली।
क्षेत्र की दर्जनों माइनर ऐसी है जिनकी सफाई सिर्फ कागजों पर या फिर कहने के लिए ही होती है। विभाग व ठेकेदार की जुगलबंदी से इनकी जेब तो गरम हो रही है लेकिन माइनरों की सफाई न होने से क्षेत्र का किसान सिंचाई के लिए मजबूरन निजी ट्यूबवेल का सहारा लेते हैं या फिर जमीन को परती ही छोड़ देने को मजबूर हैं। जिससे योगी सरकार के किसानों की आय दोगुनी करने के मंसूबों पर पानी फिर रहा है।
बताते चलें कि प्रदेश कि योगी सरकार किसानो की आय दोगुनी करने क़े लिए अनेको योजनाए चला रहे हैं परन्तु नहर विभाग किसानो को पानी देने क़े बजाय उनके अरमानो पर पानी फेर रहे हैं, क्षेत्र क़े सारीपुर रजबहा की कई वर्षों से सफाई न होने से पुरे मचाल, कलंदरगंज, सडकहा, अजीजगंज, सेनपुर ,पूरे सहमत, पूरे जमादार, पूरे सिंघई ,जरेला, सोथी, थुलवासा, ओनई जंगल, समेत दर्जन भर गांव के किसान ने अब नहर के पानी की आस छोड़ दी है ,समर्थ किसान तो निजी टुबेल के सहारे किसी तरह खेती कर रहे हैं
लेकिन छोटे किसान खेती करने से वंचित हो गए, कलंदरगंज के किसान राजेश बताते हैं कि साल दर साल लगातार शिकायतों के बाद भी नहर में पानी नहीं आया है, नहर का पानी क्षेत्र के दर्जन भर गांवों के किसानों के लिए सिंचाई का एकमात्र साधन था, लगभग बीते 15 वर्षों से किसान पानी के लिए तरस रहा है पूरे जमादार गांव के किसान सुरेश का कहना है कि सारीपुर रजबहा से निकली शाखा बावन बुजुर्ग बल्ला माइनर से पहले कभी समय था कि पानी से लबालब भरी रहती थी, लेकिन कई वर्षों से विभाग की लापरवाही के चलते यहां का किसान एक एक बूंद के पानी के लिए तरस रहा है, वहीं दूसरी ओर मांझीगाव माइनर का भी यही हाल है इस माइनर से क्षेत्र क़े थरी, तिघरवा, पुरे अचली, कक्केपुर, गहिरा, नया पुरवा, ऐलहना, नरायनपुर, जुगराजपुर, मोन आदि क्षेत्र क़े दर्जनों गांव नहर क़े पानी को तरस रहे हैं, किसानो का कहना हैं की सफाई क़े नाम पर कागजो की खानापूर्ति कर बंदरबांट किया जाता हैं और किसान अपने को ठगा महसूस कर रहा हैं, क्षेत्र क़े अन्नदाताओ ने कई बार जिलाधिकारी, एसडीएम, से लेकर खंडविकास अधिकारी और सिंचाई विभाग के अधिकारियों से शिकायत भी की परन्तु नतीजा ढाक क़े तीन पात ही रहा।
एडवोकेट अशोक यादव रिपोर्ट