रायबरेली। कांग्रेस के नेताओं की नजर में रायबरेली राजनैतिक चारागाह है। वे लोग रायबरेली की संतान को चपरासी से अधिक काबिल नहीं मानते। राजनैतिक सुविधा के लिए कांग्रेस ने रायबरेली के ऋषियों, शहीदों, साहित्यकारों और राजनेताओं की पहचान को खत्म करने की साजिश की। जिस दिन रायबरेली की मिटड्ढ्टी की खुशबू संसद में महकेगी असल मायनों में उसी दिन जिला वीआईपी होगा। उक्त बातें जिला पंचायत सभागार में विकास खंड राही, जगतपुर, सरेनी तथा बछरावां के जन प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए एमएलसी सदस्य दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि जिले के चैतरफा विकास के लिए वे भाजपा में शामिल हुए मोदी तथा योगी सरकार ने रायबरेली के लिए खजाना खोल दिया है।
एमएलसी ने बताया है कि उनके प्रयास से रायबरेली में 500 करोड़ की परियोजनाओं को स्वीकृत किया गया है। 40 पुल स्वीकृत हुए हैं। श्री सिंह ने पंचायत प्रतिनिधियों का आहवान करते हुए कहा कि जिले की शानदार पहचान के संरक्षण के लिए सभी संकल्प लें, जिन्हें अपराजेय का घमंड था उन्हें पंचायत प्रतिनिधियों के साथ मिलकर धूल चटा चुका हूं। श्री सिंह ने कहा कि हमने जिन्हें एमपी से लेकर पीएम तक बनाया उनके पास हमारी बात सुनने तक का समय नहीं होता है। एमएलसी ने पंचायत प्रतिनिधियों के सम्मान को सर्वोपरि बताते हुए कहा कि उनके रहते किसी पंचायत प्रतिनिधि का उत्पीडन तथा अपमान नहीं होगा। पंचायत प्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्र के विकास के लिए कुछ मांगें रखी। एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह ने सहयोग केलिए आश्वज्ञत किया। इस दौरान दल बहादुर सिंह, जिपंस शत्रोहन, संजू यादव, बछरावां नगर पंचायत अध्यक्ष शिवेन्द्र सिंह, रावेन्द्र सिंह, अमरेश सिंह, वीरेन्द्र बहादुर सिंह, गुरुशरन यादव, रिंकू सिंह, राजा तिवारी, सुरेन्द्र, कमलेश कुमार, चन्द्र्रसेन तिवारी, ज्ञानेन्द्र सिंह, वीरभान सिंह, रन्नू सिंह, सुरेन्द्र सिंह, समेत बीडीसी, प्रधान और सभासद मौजूद रहे।