रॉकेट में गड़बड़ी के बाद धरती पर लौटे अंतरिक्षयात्री

92

रूस के एक रॉकेट ने जैसे ही उड़ान भरी उसमें कुछ गड़बड़ी शुरू हो गई. उस वक्त रॉकेट में दो अंतरिक्ष यात्री सवार थे. बाद में रॉकेट को कज़ाकिस्तान में सुरक्षित उतार लिया गया.

नासा और रूसी मीडिया के मुताबिक सोयूज़ रॉकेट में सवार रूस के एलेक्सी ओविचिन और अमरीका के निक हेग सुरक्षित हैं.

घटना के बाद सर्च और बचाव टीमें लैंडिंग साइट के लिए रवाना हुईं. बाद में नासा के एक ट्वीट के मुताबिक दोनों को हेलिकॉप्टर के ज़रिए टेक-ऑफ साइट बैकानूर लाया जा रहा है.

इस रॉकेट ने कज़ाकस्तान के बैकानूर से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) के लिए उड़ान भरी थी. उड़ान भरने के कुछ सेकेंड बाद ही रॉकेट के बूस्टर में कुछ खराबी आ गई.

नासा ने ट्वीट करके बताया कि क्रू को बचाने के लिए रॉकेट को वापस बुला लिया गया.

सोयूज़ रॉकेट ने कज़ाकिस्तान से स्थानीय समयानुसार 14:40 बजे उड़ान भरी थी. ये छह घंटे में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचने वाला था.

निक हेग और एलेक्सी ओविचिन को स्टेशन पर छह महीने बिताने थे, जिस दौरान वो कई वैज्ञानिक अध्ययनों में हिस्सा लेते.

बीबीसी साइंस संवाददाता जोनाथन अमोस बताते हैं, “सोयूज़ का डिज़ाइन सबसे पुराना है, लेकिन इसे काफ़ी सुरक्षित माना जाता है.”

रॉकेट में सवार अंतरिक्ष यात्रियों को शायद गड़बड़ी के बारे में पता चल गया था, क्योंकि उन्होंने बताया कि उन्हें एकदम हल्का महसूस हो रहा है. जबकि उस वक्त उन्हें पीछे की तरफ दबाव लगना चाहिए था.

ऐसी स्थिति में रॉकेट से बाहर आने के लिए एक एस्केप सिस्टम होता है. उड़ान से पहले उसे टेस्ट किया जाता है.

इस तरह से धरती पर वापस लौटना अंतरिक्ष यात्रियों के लिए असहज करने वाला होता है. रॉकेट बहुत तेज़ी से नीचे की ओर आता है.

रॉकेट के रखरखाव को लेकर रूस में गंभीर चर्चा होती रही है.

जांच में जो कुछ भी सामने आए, लेकिन इस घटना से स्पेस स्टेशनो की चिंता बढ़ जाएगी.

इसके बाद ऑनलाइन न्यू रॉकेट सिस्टम की ज़रूरत पर बात होगी.

बोइंग और स्पेसएक्स जैसी कंपनियों के इन रॉकेट को अगले साल अंतरिक्ष की दुनिया में उतारा जाएगा.

Previous articleबिना ब्रेक के 160Km दौड़ी टाटा-छपरा एक्‍सप्रेस,बचे यात्री
Next articleसिर्फ आंकड़ेबाजी ही नहीं धरातल पर भी दिखे हकीकत: सहगल