- पूर्व बार अध्यक्ष ने श्री रामजानकी रामशंकर दयाल समिति प्रकरण में दलालों व बिचैलियों को सुनाई खरी-खरी
रायबरेली। सेन्ट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष, वरिष्ठ समाजवादी नेता ओपी यादव ने रामजानकी मन्दिर प्रकरण पर कहा कि अन्याय के विरूद्ध आवाज उठाना उनके जीवन का मकसद है। जहां पर भी किसी का उत्पीड़न होता है या किसी के साथ अन्याय होता है तो आताताई के विरूद्ध आवाज उठाना अपना फर्ज समझता हूं। रामजानकी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष रामशंकर दयाल की मृत्यु के 16 वर्ष बाद लिखाई गयी प्रथम सूचना रिपोर्ट उसी कड़ी का एक हिस्सा है।
जिन लोगों को माननीय न्यायालय के आदेश पढ़ने-समझने की समझ नहीं है वे आदेश की गलत व्याख्या कर जनता गुमराह न करें। मीडिया को धमकी देने वालों को खुली चुनौती देता हूं कि वे संपादकों व प्रेस ट्रस्ट आफ इण्डिया में शिकायत कर अपनी औकात का आंकलन कर लें। समिति के तथाकथित सदस्य अशोक वर्मा ने सुझाव दिया है कि रामशंकर दयाल की हत्या का मुकदमा 2002 में हुई थी तब मुकदमा क्यों नहीं लिखाया गया, वैसे तो अशोक वर्मा मन्दिर समिति में कुछ नहीं हैं, लेकिन यदि वे अपने को समिति का सदस्य मानते हैं तो क्या उनकी जिम्मेदारी नहीं थी कि समिति के अध्यक्ष की हत्या की स्वयं रिपोर्ट लिखवाने के लिए आगे आना चाहिए था, क्योंकि कौशिल्या देवी अनपढ़ ग्रामीण महिला हैं। अच्छा होता कि अपने को रामजानकी मन्दिर समिति का तथाकथित प्रबन्ध मन्त्री बताने वाले ज्ञानेन्द्र कुमार डीएम व एसपी को प्रबन्ध मन्त्री होने का प्रमाण ही दे देते, लेकिन वह ऐसा नहीं कर सकते थे कि क्योंकि वह समिति में कुछ हैं ही नहीं। एनजीओ चलाने वालों व दलाली करने वालों के बस की बात नहीं है कि वह समाज में अन्याय के विरूद्ध मुंह खोल सकें, क्योंकि प्रायः अपमानित होना उनके लिए कोई नई बात नहीं है। श्री यादव ने रामजानकी मंदिर प्रकरण पर सुझाव दिया है कि लोग अनावश्यक फर्जी पदाधिकारी बनकर जनता को गुमराह न करें। बड़े शर्म की बात है कि करोड़ों की सम्पत्ति के स्वामी रामशंकर दयाल की पत्नी कौशिल्या देवी नौकरानी की तरह जीवन व्यतीत कर रही है, और उन्हीं की सम्पत्ति का टुकड़ा पाए हुए लोग अपने को बहुत बड़ा पूंजीपति समझ रहे हैं, यह समाज के ठेकेदार बन रहे लोगों को दिखाई नहीं पड़ रहा है।