रायबरेली। श्री गुरुसिंह सभा गुरुद्वारा की प्रबन्ध समिति का सिख संगत को अंधेरे में रखकर मनमाने तरीके से पंजीकरण कराकर उसको हथियाने की साजिश में लिप्त व्यापारी नेता सरदार बसन्त सिंह बग्गा के विरुद्ध सिख संगत पुन: प्रशासन की चौखट पर पहुंची और मनमाने तरीके से 28 अक्टूबर को बुलाई गई बैठक को रोकने के साथ सीआरपीसी की धारा 145 के अंतर्गत कार्यवाही की मांग की है। ज्ञातव्य है कि लगभग पचास वर्ष पुराने श्री गुरुसिंह सभा की कमान सम्हालते ही बसन्त सिंह बग्गा के शातिर दिमाग में धर्मस्थल पर आजीवन कब्जे की योजना आयी जिस पर उन्होंने भारी भरकम मूल कमेटी व सिख संगत को बिन बताये नौ सदस्यीय प्रबन्ध समिति के साथ नौ सदस्यीय आमसभा का पंजीकरण श्री गुरुद्वारा गुरुसिंह सभा समिति के नाम से एक जेबी संस्था का पंजीकरण करा लिया संगत को जब यह जानकारी हुई तो उबाल आ गया मामले में गर्मी आते ही बग्गा ने संगत को डराने धमकाने के लिये पुलिस का सहारा लिया लेकिन जब पुलिस प्रशासन को सही बात पता चली तो नगर मजिस्ट्रेट ने रजिस्ट्रार आफ सोसायटीज चिट्स फंड के यहां समझौता के अंतर्गत संसोधन प्रस्तुत कर सिख संगत को विश्वास में लेने को कहा।मामले में वादाखिलाफी के कारण प्राशासन ने उनके विरुद्ध शांति भंग की कार्यवाही करते हुए उन्हें पाबन्द कर दिया, जिसके बाद भी बग्गा अपनी मनमानी पर आमादा है यही कारण है कि उन्होंने संगत को विश्वास में लिये बिना 26 अक्टूबर को गुरुद्वारा में सुरेंद्र सिंह मोंगा से 28 अक्टूबर को आमसभा आहूत करने की घोषणा करा दी जिसके बाद सिख संगत में उबाल प्रशासन की चौखट पर पहुंच गया आज जिलाधिकारी व नगर मजिस्ट्रेट से मिले प्रतिनिधिमंडल ने आग्रह किया कि संगत बग्गा को अध्यक्ष नहीं मानती उनका गुरुद्वारा प्रबन्धन समझौते का पालन न होने तक अवैध है इसलिये उनके द्वारा बुलाई गई आमसभा गैरकानूनी है जिसको रोका जाए। सरदार अवतार सिंह छाबड़ा, सरदार गुरजीत सिंह तनेजा, सरदार बलजीत सिंह मोंगा एडवोकेट, जोगेंद्र सिंह अरोड़ा, सरदार परमजीत सिंह गांधी, जसविंदर गांधी, हरभजन मोंगा, त्रिलोचन छाबड़ा, टिल्लू छाबड़ा, गुरचरण सिंह, सागर मखीजा, लकी तनेजा आदि ने कल की आमसभा रोकने के लिये 145 की कार्यवाही की मांग की है।