कई वर्षों से अवैध रूप से चल रही आरा मशीन

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डलमऊ (रायबरेली)। वन विभाग की मिली भगत से दर्जनों से अधिक अवैध आरा मशीनें डलमऊ व गदागंज क्षेत्र में चल रही हैं। इन अवैध आरा मशीनों से जहां सरकार को प्रति माह करोड़ों के राजस्व का नुकसान हो रहा है। वहीं इन आरा मशीनों की भेंट हरे-भरे वन भी चढ़ रहे हैं। दीनशाह गौरा के किशोरी बालमपुर गांव में लम्बे समय से अवैध आरा मशीन चल रही है। इसका लाइसेंस किसी दूसरे पते पर है जबकि यह कहीं दूसरी जगह संचालित हो रही है। वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी द्वारा इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिससे ये धंधा बदस्तूर जारी है।

जानकारी के अनुसार गदागंज क्षेत्र के गांव कुरौली बुधकर निवासी दातादीन मौर्य ने आरटीआई के तहत शिकायत किया है की किशोरी बालमपुर में जो आरा मशीन चल रही है। वह गाटा संख्या 681 में दर्ज है। और वह दातादीन पुत्र गौरी के नाम पर है, लेकिन विभाग की मिली भगत से दबंग लकडकटा आरा मशीन कुरौली बुधकर गांव के नाम से लाइसेंस बनवाकर आरा मशीन चलवा रहा है। जहां एक तरफ पर्यावरण संरक्षण के लिए पेड़ों की अवैध कटाई पर रोक लगाने के लिए सरकार ने लाइसेंस की सीमा तय की थी। तो वहीं विभाग इसके उलट अवैध आरा मशीनों पर रोक नहीं लगा पा रहा है। जिसके चलते पेड़ों की अवैध कटाई में बढ़ोत्तरी हो रही है। अगर समय रहते इन आरा मशीनों पर ध्यान न दिया गया तो यह हरा भरा को नष्ट करने में कोई कोर कसर नही छोड़ेंगे। इस सम्बंध में डीएफओ तुलसीदास शर्मा का कहना है कि आरा मशीन कई वर्षों से गलत स्थान पर लगी हुई है। जल्द ही आरा मशीन के लाइसेंस को कैन्सिल किया जायेगा।

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