रायबरेली। जिला निर्वाचन कार्यालय में तैनात बहुचर्चित नटवरलाल आखिकार कानून के शिकंजे में आ ही गया। कार्यालय में वरिष्ठ सहायक व कैशियर के पद पर तैनात रहे इस नटवरलाल ने उप जिला निर्वाचन अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर करके 57 लाख 37 हजार 500 रुपए डकार लिये हैं। प्रकरण की जांच कर रही क्राइम ब्रांच की टीम ने आखिरकार इसे दबोच लिया। गौरतलब है कि जिला निर्वाचन कार्यालय रायबरेली में वसी अहमद कैशियर के पद पर कार्यरत थे। ईवीएम के भण्डारण हेतु और कार्यालय भवन निर्माण हेतु कार्यदायी संस्था को भुगतान करने में खेल करते हुए इन्होंने लाखों रुपए हजम कर लिये। मामला मीडिया में आने लगा तो इस तिकड़मबाज बाबू ने खुद का तबादला अमेठी जनपद करा लिया। मीडिया के माध्यम से जब अधिकारियों को जानकारी हुई तो सहायक निर्वाचन अधिकारी मुकेश कुमार श्रीवास्तव ने बीते 12 मार्च 2018 को शहर कोतवाली में वसी अहमद के विरुद्ध मुकदमा अपराध संख्या 94/18 धारा 409 पंजीकृत कराया। मामले की जांच पुलिस ने शुरू की तो सारा प्रकरण सामने आ गया। गठित तीन सदस्यीय टीम ने भी स्पष्ट किया कि बैंक आफ इण्डिया के अधिकारियों व कर्मचारियों से दुरुभि संधि करते हुए जिला निर्वाचन कार्यालय के शासकीय खाता संख्या 702010100001790 से चेकों पर उप जिला निर्वाचन के फर्जी हस्ताक्षर करने, कर्मचारी का कैश प्राप्त करने हेतु प्राद्दिकृत किये जाने से सम्बन्धित प्रस्ठांकन पर फर्जी हस्ताक्षर तथा आरटीजीएस/निफ्ट किये जाने हेतु निर्गत कार्यालय पत्रों पर उप जिला निर्वाचन अधिकारी के कूटरचित हस्ताक्षर बनाकर ईवीएम के भण्डारण हेतु गोदाम व कार्यालय भवन निर्माण हेतु एक करोड़ 15 लाख 37 हजार 500 रुपये की धनराशि आवंटित की गई थी। जिसमें मात्र 58 लाख का उपभोग तो सही हुआ किन्तु 57 लाख 37 हजार 500 रुपये की धनराशि फर्जी तरीके से निकालकर हड़प ली गई। जांच में बाबू के दोषी पाये जाने के बाद पुलिस ने उसे उसके निवास स्वराज नगर थाना कोतवाली से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सिंह ने प्रेसवार्ता के दौरान इस नटवरलाल को मीडिया के सामने प्रस्तुत किया, और बताया कि इतनी बड़ी राशि एक सोझी-समझी रणनीति से गबन की गई। हालांकि पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद बाबू को आत्मबोध हुआ, और वह गबन की राशि लौटाने की बात कर रहा है। फिलहाल लाखों का खेल करने वाले वसी अहमद को जेल भेज दिया गया है।