आज है आखरी दिन, आज ही लगवा ले अपने चार पहिया में ये चीज वरना कल से देना पड़ सकता हैं दुगना शुल्क

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रायबरेली। यदि कोई वाहन चालक फास्ट टैग नहीं होने के बावजूद गलती से फास्ट टैग लेन में चला गया तो उसे दोगुना टोल टैक्स चुकाना होगा. अब कैश के जरिए टोल टैक्स चुकाने के लिए केवल एक लेन उपलब्ध होगी।

यदि आपके रास्ते में नेशनल हाइवे पड़ता है तो ये खबर आपके लिए ही है. सरकार ईटोल को लेकर गंभीर हो गई है. अब सरकार इस मामले को लेकर सख्ती के मूड में है. बीते वित्त वर्ष के आंकड़ों में ई टोल कलेक्शन स्कीम की असफलता को देख सरकार ने अब कड़ा रुख अपनाया है. 1 दिसंबर से लागू होने वाले नए नियमों के मुताबिक यदि कोई वाहन चालक फास्ट टैग नहीं होने के बावजूद गलती से फास्ट टैग लेन में चला गया तो उसे दोगुना टोल टैक्स चुकाना होगा. अब कैश के जरिए टोल टैक्स चुकाने के लिए केवल एक लेन उपलब्ध होगी. बाकी तमाम लेन फास्ट टैग की जाएंगी.
फास्ट टैग लेन में घुसे तो देना होगा दोगुना टोल टैक्स।

सड़क परिवहन मंत्रालय के ताजा आदेश के मुताबिक 1 दिसंबर से अगर कोई वाहन फास्ट टैग लेन में घुसा तो उसे दोगुना टोल टैक्स चुकाना होगा. इतना ही नहीं टोल प्लाजा पर सिर्फ़ एक लेन को छोड़कर बाकी सभी फास्ट टैग लेन होंगे. यानी अगर आप कैश के जरिए टोल टैक्स चुकाना चाहते हैं तो आपके लिए सिर्फ एक लेन उपलब्ध होगी.

सड़क परिवहन मंत्रालय के ताजा आदेश के मुताबिक 1 दिसंबर से अगर कोई वाहन फास्ट टैग लेन में घुसा तो उसे दोगुना टोल टैक्स चुकाना होगा. इतना ही नहीं टोल प्लाजा पर सिर्फ़ एक लेन को छोड़कर बाकी सभी फास्ट टैग लेन होंगे. यानी अगर आप कैश के जरिए टोल टैक्स चुकाना चाहते हैं तो आपके लिए सिर्फ एक लेन उपलब्ध होगी

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यदि कोई वाहन चालक फास्ट टैग नहीं होने के बावजूद गलती से फास्ट टैग लेन में चला गया तो उसे दोगुना टोल टैक्स चुकाना होगा. अब कैश के जरिए टोल टैक्स चुकाने के लिए केवल एक लेन उपलब्ध होगी

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यदि आपके रास्ते में नेशनल हाइवे पड़ता है तो ये खबर आपके लिए ही है. सरकार ईटोल को लेकर गंभीर हो गई है. अब सरकार इस मामले को लेकर सख्ती के मूड में है. बीते वित्त वर्ष के आंकड़ों में ई टोल कलेक्शन स्कीम की असफलता को देख सरकार ने अब कड़ा रुख अपनाया है. 1 दिसंबर से लागू होने वाले नए नियमों के मुताबिक यदि कोई वाहन चालक फास्ट टैग नहीं होने के बावजूद गलती से फास्ट टैग लेन में चला गया तो उसे दोगुना टोल टैक्स चुकाना होगा. अब कैश के जरिए टोल टैक्स चुकाने के लिए केवल एक लेन उपलब्ध होगी. बाकी तमाम लेन फास्ट टैग की जाएंगी.
फास्ट टैग लेन में घुसे तो देना होगा दोगुना टोल टैक्स सड़क परिवहन मंत्रालय के ताजा आदेश के मुताबिक 1 दिसंबर से अगर कोई वाहन फास्ट टैग लेन में घुसा तो उसे दोगुना टोल टैक्स चुकाना होगा. इतना ही नहीं टोल प्लाजा पर सिर्फ़ एक लेन को छोड़कर बाकी सभी फास्ट टैग लेन होंगे. यानी अगर आप कैश के जरिए टोल टैक्स चुकाना चाहते हैं तो आपके लिए सिर्फ एक लेन उपलब्ध होगी.
सड़क परिवहन मंत्रालय के ताजा आदेश के मुताबिक 1 दिसंबर से अगर कोई वाहन फास्ट टैग लेन में घुसा तो उसे दोगुना टोल टैक्स चुकाना होगा. इतना ही नहीं टोल प्लाजा पर सिर्फ़ एक लेन को छोड़कर बाकी सभी फास्ट टैग लेन होंगे. यानी अगर आप कैश के जरिए टोल टैक्स चुका चाहते हैं तो आपके लिए सिर्फ एक लेन उपलब्ध होगी.

टोल सिस्टम को कैशलेस करना चाहती है सरकार
दरअसल सरकार ई-टोल को बढ़ावा देने के लिए 1 दिसंबर से नए दिशानिर्देश लागू कर रही है जिसके तहत सभी टोल प्लाजा पर सिर्फ एक कैश लेन को छोड़कर बाकी सभी लेन को फास्ट टैग लेन कर दिया जाएगा. यदि कोई वाहन चालक गलती से भी फास्ट टैग नहीं होने के बावजूद फास्ट टैग लेन में चला गया तो उसे दोगुना टोल टैक्स चुकाना होगा. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक फिलहाल टोल टैक्स 25 फ़ीसदी फास्ट टैग के जरिए और 75 फ़ीसदी कैश के जरिए दिया जाता है. सरकार टोल सिस्टम को कैशलेस करना चाहती है इसलिए यह नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं.

टैक्स सिस्टम में कमी व असफलता को लेकर उठाया कदम

सरकार की इलेक्ट्रॉनिक टोल टैक्स वसूलने को लेकर ये सख्ती रातों रात नही है . पिछले 3-4 साल से सरकार लगातार फ़ास्ट टैग को बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रही है .लेकिन नतीजे बेहतर नही आ रहे थे . बीते वित्त वर्ष 2018-19 में नेशनल हाईवे पर सरकार ने तकरीबन 24000 करोड़ रुपए का टैक्स वसूला लेकिन इसमें ई टोल कलेक्शन महज़ 25 प्रतिशत तक ही सीमित रहा. आंकड़ों में ई टोल कलेक्शन स्कीम की असफलता को देख सरकार ने ये कड़ा रुख अपनाया है . जहाँ 1 दिसंबर से टोल कलेक्शन डिजिटल पेमेंट के जरिये ही होगा .

फास्ट टैग क्या है?

आपको बता दें कि फ़ास्ट टैग एक डिवाइस या एटीएम जैसा ही उपकरण हैं जिसे आप अपनी कार या गाड़ी पर आगे चिपका सेक्टए हैं हैं . आरएफआईडी तकनीक पर आधारित फ़ास्ट टैग युक्त गाड़ी जब टोल नाके पर गुज़रती है तब रेडियो फ्रीक्वेंसी तकनीक की मदद से आपका फ़ास्ट टैग स्कैन हो जाता है, डिजिटल पेमेंट हो जाता है और आपको टोल नाके पर लंबी कतार में खड़े रहना नही पड़ता . फ़ास्ट टैग को आप ज़्यादातर बैंक से, ई कॉमर्स पोर्टल या फिर नज़दीकी पेट्रोल पंप से भी खरीद सकते हैं . फ़ास्ट टैग को आप अपने बैंक एकाउंट से भी लिंक कर सकते है जिसके जरिये ये रिचार्ज भी होता रहे।

अनुज मौर्य रिपोर्ट

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