रायबरेली। रायबरेली नगर के त्रिपुला चौराहे के निकट बने कान्हा गोवंश गोशाला में बंद लगभग 500 गोवंश का जीवन खतरे में है। गोशाला में प्रतिदिन चारे की कमी के कारण तड़प-तड़प कर गोवंश की मौत हो रही है। नगर पालिका प्रशासन के प्रयास बौने साबित हो रहे हैं। नगर पालिका प्रशासन ने शीघ्र इस तरफ ध्यान नहीं दिया तो हालात और भी दयनीय हो सकते हैं। नगर की गोशाला में बंद गोवंश का हाल बुरा है। दिनों दिन चारे और भूसे के अभाव में उनका शरीर टूटता जा रहा है। गोवंश की गोशाला में तड़प-तड़प कर मौत हो रही है। अबतक लगभग गोशाला में 40 जानवरों की मौत हो चुकी है वर्तमान में 500 के लगभग गोवंश बंद है। जिसके लिए पर्याप्त भूसे आदि की व्यवस्था नहीं है। जानवरों को चारे के नाम पर केवल एक बार ही कुछ भूसा दिया जा रहा है, जो उनके लिए पर्याप्त नहीं है। वर्तमान में गोशाला में 10 से 12 जानवर मरणासन्न अवस्था में हैं। जबकि अभी एक दर्जन जानवरों की मौत हो चुकी है,शनिवार को जब मीडिया को सूचना मिली कि गौशाला में जानवर भूख के अभाव में मर रहे है तो तत्काल मीडिया मौके पर पहुँचकर देखती है कि गौशाला में जानवरों की स्थिति बड़ी दयनीय है जानवर तड़प रहे है खाने को चारा नही पानी है भी तो इतना गन्दा हो चुका है उसे जो भी जानवर पी ले वो बीमार हो जाये गोशाला में बंद चार जानवरों की हालत तो ऐसी थी कि उनकी कुछ देर में ही मौत हो जाएगी। अन्य जानवर भी चारा न मिलने के कारण गिर रहे थे। अधिकारी इस संबंध में कुछ कहने को तैयार नहीं है। उनका एक ही जवाब होता है कि गोवंश के लिए चारे की व्यवस्था की जा रही है।
रात के अंधेरे में कर दिया जाता है दफन
गोशाला के पास रहने वाले लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि प्रतिदिन जो गोवंश मर रहा है, उसे कर्मचारी रात के अंधेरे में या मौका मिलने पर दफन करने के बजाए शारदा नहर में फेंक आते है ग्रामीणों का कहना था कि गोवंश के लिए चारा नहीं है जिसके चलते गोवंश बीमार हो रहा है और मौत हो रही है। मीडिया की सूचना होने पर पहुँचे जिला पशु चिकित्सा अधिकारी ने पहुँचकर खानापूर्ति करना चालू कर दी वही सदर तहसीलदार ,adm प्रशासन भी मौके पर पहुँच गए वही अब तक 40 गोवंशों को उनके मरने के बाद ठिकाने लगाया चुका है।
मीडिया के पहुँचने के बाद आना चालू हुआ चारा
जब मीडिया ने इस पर उच्च अधिकारियों को जानकारी दी तो उसके बाद गौशाला में चारा आना चालू हुआ ।
वर्तमान जिलाधिकारी ने खुलवाया था खाता
आपको बतादे की तत्कालीन जिला अधिकारी रहे संजय खत्री ने इसी गौशाला में गौवंशो के खाने पीने की व्यवस्था के लिए बाकायदा एक संयुक्त एकाउंट खुलवाया था और उसमें सरकारी विभागों के कर्मचारियों ने अपने वेतन से उस एकाउंट में लाखों रुपये भी जमा करवाये थे इसके बाद भी आज जो तस्वीरे सामने आई है वह सरकार के साथ साथ आलाधिकारियों की पोल खोलने के लिए काफी है।
अनुज मौर्य रिपोर्ट