महराजगंज (रायबरेली)। एक मशहूर फिल्म का यह तराना खाद्य विभाग के हुक्मरानों की कार्यशैली को बया करने को काफी है किन्तु हर त्योहार के पूर्व छापेमारी के नाम पर त्योहारी बटोरने वाले इस विभाग की दस्तक अब तक ना होने से उपभोक्ताओं एवं चकल्लसबाजो मे निराशा दिखाई दे रही ।
बताते चले की क्षेत्र मे होली, रक्षाबन्धन व दीपावली पर्व पर ईद के चाँद सा दिखने वाला खाद्य विभाग इन त्योहारो मे तो सडको पर प्रकट होता है किन्तु अन्य दिनो मे जैसे विभाग के नौकरशाहों के पास काम की अधिकता या विलासिता के चलते समय ही नही रहता ।
विभाग के कार्यशैली से नाराज एक उपभोक्ता रामसुन्दर ने तंज कसते हुए कहा की इस विभाग के आला कमान का मानना है की बाकी दिनो ग्राहक भगवान होता है इसलिए दुकानदार साफ सुथरा काम करता है सिर्फ त्योहारो मे ही मिलावटखोरी का बाजार गर्म होता है। बाजार मे खरीददारी करने निकले ग्राहक मोहित श्रीवास्तव के अनुसार खाद्य विभाग त्योहारी के चक्कर मे दिखाई पड़ता है बाकी महीनवारी से इस गरीब गुरबा विभाग का गुजारा चलता है । फिलहाल चकल्लसबाज आश्चर्य चकित है की त्योहार नजदीक होने के चलते मिलावटखोरी चरम पर होने, पालीथीन का धड़ल्ले से उपयोग होने,बिना रजिस्ट्रेशन होटलों का संचालन जैसे बहाने होने के बावजूद खाद्य विभाग औपचारिकता पूर्ति को बाजार से नदारत क्यू है? वही उपभोक्ताओं का कहना है की दाम के बदले शुध्द सामान की आपूर्ति कराना व मिलावटखोरों को दंडित करने का जिम्मा खाद्य विभाग को है क्यूंकि पैसो के बदले हम लोगो को बाजार मे मिलावट के रुप मे जहर परोसा जा रहा किन्तु त्योहार मे भी इस विभाग की आमद ना होना सच मे राम राज्य को परिलक्षित करने को काफी है!
अनुज मौर्य/अशोक यादव रिपोर्ट