लालगंज (रायबरेली)। बैसवारा डिग्री कालेज के स्वर्ण जयंती समारोह के मुख्य अतिथि यूपी के राज्यपाल राम नाईक रहे। राज्यपाल ने डिग्री कालेज के महिला छात्रावास में स्थापित की गई रानी दिलराज कुंवरि की प्रतिमा का अनावरण किया। एनएसएस के स्वयं सेवकों ने महामहिम का स्वागत किया और एनसीसी के कैडेटो ने सलामी भी दी।
लोगों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि श्री नाईक ने कहा कि बैसवारा एजूकेशन ट्रस्ट द्वारा 50 वर्ष पूर्व रोपा गया विद्यालय रूपी पौधा आज वटवृक्ष का रूप ले चुका है। जहां तक मेरी नजर पड़ी यह विद्यालय एक अनुशासित एवं स्वस्थ परम्परा एवं संस्कृति के रूप में निश्चित रूप से एक शैक्षणिक वातावरण प्रदान कर रहा है। इसे देखकर मेरी इच्छा हो रही है कि काश मैं भी ऐसे विद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर पाता। गवर्नर ने कहा कि यह धरती साहित्य, कृपाण और अध्यात्मिक क्षेत्र से अपने आप में परिपूर्ण है। छात्र सैद्धांतिक शिक्षा ग्रहण करें न कि किताबी कीड़ा बने। इस संस्था के छात्रों ने एक स्वर्णिम इतिहास रचकर देश के प्रतिष्ठित पदों पर रहकर राष्ट्र के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। शिक्षकों का दायित्व है कि छात्रों में मानवीय मूल्यों की स्थापना तथा राष्ट्र के निर्माण में सहयोग करने की प्रेरणा प्रदान करें। उन्होंने छात्र धर्म की व्याख्या करते हुए कहा कि छात्र अपनी अच्छी पढ़ाई प्राप्त कर सर्वांगीण ज्ञान प्राप्त करें। छात्रों को पढ़ाई के साथ स्वास्थ्य पर भी ध्यान रखना चाहिए। जब बुद्धि और शरीर मजबूत होता है तो निश्चित रूप से समाज का विकास व देश का विकास होगा। उन्होंने कहा कि युवा ही भारत को पुन: विश्व गुरु बनाने में सक्षम है। भारत का युवा स्वामी विवेकानंद के पद चिन्हों पर चलकर अपने जीवन को धन्य बना सकता है। विवेकानंद के जीवन के अनुकरणीय तथ्यों को एवं विचारों को समाहित करना चाहिए। इससे युवा वह अपने जीवन, परिवार और समाज के लिए कुछ अच्छा कर सकें। महामहिम ने छात्रों को नसीहत देते हुए सफलता के चार मूल मंत्र बताते हुए कहा कि सबसे पहला मंत्र है सदा मुस्कराते रहो। दूसरा मूल मंत्र अच्छे कार्य करने वाले की हमेशा बड़ाई करनी चाहिये। तीसरा मूलमंत्र बताते हुए महामहिम ने कहा कि किसी भी व्यक्ति की अवमानना नही करनी चाहिए। अपनी अवमानना व्यक्ति कभी जीवन में भूलता नहीं है। आगे बढऩा है तो सबको साथ लेकर चलने की आवश्यकता है। चौथा मूलमंत्र बताते हुए उन्होने कहा कि सदैव बेहतर करने का प्रयत्न करते रहना चाहिए। उन्होंने जीवन की सफलता इन्ही मूलमंत्रों पर बताई। राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि कुंभ मेले के अध्यक्ष होने के नाते हम चाहते हैं कि आप सभी लोग मेले में पहुंचे और वहां आधुनिक व्यवस्था के साथ-साथ पुरानी परंपराओं को भी देखने का अवसर प्राप्त करें। विशिष्ट अतिथि छत्रपति शाहूजी महराज विश्वविद्यालय कानपुर की कुलपति डॉ. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि खुशी की बात है कि आज मकर संक्राति के पर्व पर विद्यालय का स्वर्ण जयंती कार्यक्रम हो रहा है। उससे भी अच्छी बात यह है कि जब से कानपुर विश्वविद्यालय का प्रारम्भ हुआ तभी से यह विद्यालय उससे सम्बद्ध है। यह विद्यालय अपने आप में 50 वर्षों बाद भी अपनी गरिमा को बनाये है। उन्होंने कहा कि ईश्वर ने हीरा सभी को बनाया लेकिन जो तरासने की हद से गुजर गया वही चमक गया। यह विद्यालय हीरे की तरह ही बच्चों को तरासने का कार्य कर रहा है। इसके पूर्व मुख्य व विशिष्ट अतिथि का विद्यालय प्रबंधन ने अंगवस्त्र व स्मृति चिंह भेटकर सम्मानित किया। विद्यालय के प्रबधंक लाल देवेंद्र बहादुर सिंह ने विद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत करते हुए भावी योजनाओं की जानकारी दी। प्राचार्य प्रो. अरूण कुमार सिंह ने अभिनंदन पत्र का वाचन किया। संचालन शिक्षिका सुधा सिंह ने किया। विद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ. अमलधारी सिंह ने ऋग्वेद, साख्यान संहिता की स्वयं प्रकाशित चार गंथ महामहिम को भेंट किये। एफजी के शिक्षक संजय सिंह ने ‘आओ मन की बीन बजाये’ तथा हिंदी विभाग के डॉ. अजेंद्र सिंह ने ‘बैसवाडे का समृद्ध कथा साहित्य’ पुस्तक भेंट की। इस अवसर पर पूर्व मंत्री गिरीश नारायण पाण्डेय, विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह, प्रबंध समिति के अध्यक्ष सुरेश नारायण सिंह बच्चा बाबू, मंहामंत्री राघवेंद्र प्रताप सिंह, राजद प्रदेश अध्यक्ष अशोक सिंह, डॉ. हजारी सिंह, डॉ. हजारी सिंह, डॉ. एमडी सिंह, डॉ. ओपी सिंह, बैजनाथ विश्वकर्मा, समाजसेवी शिवबहादुर सिंह गुजरात, विजय प्रताप सिंह, पूर्व विधायक सुरेंद्र बहादुर सिंह, रामप्रताप सिंह, जयप्रकाश सिंह, दीप प्रकाश शुक्ला, रमेश दीक्षित, महेंद्र पाल सिंह सहित जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री, पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सिंह, एएसपी शशिशेखर सिंह, सीओ लालगंज लक्ष्मीकांत गौतम, सीओ डलमऊ विनीत सिंह सहित भारी संख्या में छात्र-छात्रायें मौजूद रहे।