किसानों की जीविका पर कहर बरसा रहे आवारा पशु

148

शिवगढ़ (रायबरेली)। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के फरमान पर शासन, प्रशासन ने अवैध बूचड़ खानों पर शिकंजा क्या कसा, प्रदेश में अवारा पशुओं की बाढ़ सी आ गयी। कृषक खेती करने के लिए रखूखदारों, लम्बरदारों, शाहूकारों से व किसान क्रेडिट कार्ड पर कर्ज लेने के साथ ही अपना खून-पसीना बहाकर किसी तरह फसल उगाते हैं जिसे आवारा पशु झुण्ड़ों में आकर फसल को रौंदकर, चरकर चैपट कर जाते हैं।
आवारा पशुओं के आतंक से अपनी बर्बादी पर आंसू बहा रहे कृषकों का कहना है कि सीएम योगी का आदेश देश के किसानों लिए अभिशाप बन गया है। एक पुरानी कहावत है कि भारतीय कृषक ऋण में जन्म लेता है, और ऋण में मर जाता है। तकनीकी जानकारी, आधुनिक संसाधनों के अभाव में खेती से पर्याप्त मुनाफा न मिल पाने के कारण जहां कृषकों की पहले से ही दीनहीन दशा थी। वहीं बची कमी आवारा पशुओं ने पूरी कर दी है। प्रशासन की उदासीनता के चलते 43 ग्राम सभाओं वाले शिवगढ़ क्षेत्र की प्रत्येक ग्राम सभा में पशुचर भूमि हैं। जिस पर गांवों के सरहंग व भूमाफियों का अवैध कब्जा है। जिसके चलते मावेशियों को चराने के लिए कहीं जगह शेष नहीं बची है। इसी से क्षेत्र में अवारा पशुओं की बाढ़ सी आ गयी है। प्रभावित कषकों का कहना है कि यदि अवारा पशुओं के चरने के लिए पशुचर भूमि को मुक्त कराके ठोस कदम न उठाये गये। तो देश की जीविका चलाने वाले कृषक स्वयं भुखमरी के कगार पर पहुंच जायेंगे। किसानों ने सीएम योगी को पत्र भेजकर इस समस्या पर ध्यान देने की अपील की है। एक वर्ष पहले पूर्व एमएलसी राजा राकेश प्रताप सिंह भी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को पत्र भेजकर न्याय पंचायत स्तर पर पशुशालाएं बनाने की मांग कर चुके हैं।

Previous articleतीन दिवसीय शिविर का शुभारम्भ
Next articleमाशिसं ने लगाया बोर्ड परीक्षा केन्द्रों में धांधली का आरोप