महराजगंज (रायबरेली)। आज कल वाहन चेकिंग के नाम पर जनता को परेशान करने की आदत सी बन गई है पुलिस विभाग की। कभी हेलमेट के नाम पर, तो कहीं तीन सवारी के नाम पर। धन उगाही करना इस बिभाग के लिए एक आम बात बन गई है। यदि आप सिंगल जा रहे है हेलमेट भी पहने है तो फिर बीमा खतम हो गया है, अगर बीमा भी सही है तो प्रदूषण के नाम पर अपना उल्लू सीधा कर लेते है।
आश्चर्य तो तब होता है जब मोटर साइकिल की तीन सवारी इनको आसानी से नजर आ जाती है किन्तु बिक्रम में 7 की जगह बैठी 15 सवारी कभी नजर नही आती और न ही ये किसी टेक्सी वाले को रुकवाते है।कारण हर महीने पहुँचने वाला सुबिधा शुल्क है।बताते है कि एक बिक्रम से 250 रुपये महीने की रकम अपने समय से इनके पास पहुच जाती है।
दूसरी सबसे खास बात तो यह है कि ये बिभाग स्वम् किसी नियम का पालन नही करता। इनकी गाड़ियों की आर सी तो मिल सकती है किन्तु बीमा और प्रदूसन शायद ही किसी की गाड़ी का हो।रही बात हेलमेट की सो वह इनके लिए जरूरी नही है।
सवाल इस बात का उठता है कि आखिर सारे नियम और कानून आम जनता पर ही लागू होते है पुलिस विभाग पर नही आखिर ऐसा क्यों।
क्या मोदी सरकार का भ्रष्टाचार मुक्त भारत का सपना इसी तरह पूरा होगा। शायद इसका उत्तर किसी के पास नही है।
अनुज मौर्य /अशोके यादव रिपोर्ट