श्रीकृष्ण-राधा की प्रेम कहानी से तो हम सभी अच्छी तरह वाकिफ हैं। लेकिन, भगवान श्रीकृष्ण-राधा के संबंधों को लेकर कुछ ऐसी बातें हैं जो कभी साफ न हो सकीं। कई लोगों ने सवाल उठाये कि यदि राधा श्रीकृष्ण की प्रेमिका थीं तो फिर कृष्ण ने उनसे विवाह क्यों नहीं किया था? लोगों के मन में अक्सर ऐसे सवाल उठते हैं कि राधा, श्री कृष्ण से उम्र में भी बड़ी थीं शायद इसी वजह से उन्होंने राधा से शादी नहीं कि थी। कुछ लोग ये भी कहते हैं कि कृष्ण ने अपने जीवनकाल में आठ स्त्रियों से विवाह किया, वो राधा से भी विवाह कर सकते थे लेकिन उन्होंने नही किया। आज हम आपको राधा कृष्ण के इसी प्रेम भरे रिश्ते से वाकिफ कराएंगे। राधे-श्याम शब्द अटूट प्रेम का प्रतिक माना जाता है। आप राधे-श्याम के प्रेम कहानी के बारे में जरुर जानते होंगे। लेकिन शायद आपको ये मालूम नहीं होगा कि राधा जी की मृत्यु कैसे हुई थी और उनकी प्रेम कहानी क्यों अधूरी रह गई थी? कई लोग मानते हैं कि राधा सिर्फ एक काल्पनिक पात्र थीं। इस बात का सबसे बड़ा कारण ये है कि भागवत में सिर्फ दशम स्कंद में सिर्फ एक जगह राधा के बारे में बताया गया है। अलग-अलग धर्म ग्रंथों में राधा और कृष्ण की गोपियों का अलग अलग वर्णन किया गया है। एक जगह इस बात का जिक्र है कि कृष्ण की 64 कलाओं को ही गोपियां माना गया है और राधा उनकी महाशक्ति थी, जिसे स्त्री रुप माना गया है। कृष्ण ने जब वृंदावन छोड़ा तो वो राधा से ये वादा करके गए थे कि वो उनसे मिलने वापस आएंगे। लेकिन कृष्ण वापस नहीं आए और रुकमणी से शादी कर ली। रुकमणी को लक्ष्मी का रूप माना गया है और वो कृष्ण से मिले बिना ही उन्हें अपना पति मानती थीं। लगभग सभी धर्म ग्रंथों में कृष्ण के वृंदावन छोड़ने के बाद से ही राधा का वर्णन बहुत कम किया गया है। कृष्ण ने राधा से आखिरी बार मिलने के वक्त वादा किया था कि वो लौट आयेंगे लेकिन वो मथुरा में कंस और बाकी राक्षसों को मारने के बाद द्वारका में बस गए। इसके बाद राधा का क्या हुआ इसका जिक्र बहुत कम जगह ही देखने को मिलता है। कृष्ण के वृंदावन छोड़ने के बाद राधा की शादी एक यादव से हो गई। राधा ने शादी शुदा होने का हर धर्म निभाया । लेकिन उनका मन हमेशा कृष्ण के लिए ही समर्पित रहा। ब्रह्मावैवर्त पुराण में राधा के पति का वर्णन किया गया है, जो वेदव्यास द्वारा रचित 18 पुराणों में से एक है। वहीं कुछ कहानियों के मुताबिक, राधा की शादी अनय नाम से हुई थी, जो वृंदावन निवासी थे। वहीं राधा के विषय में एक दूसरी कहानी ये भी है कि उनकी शादी हुई ही नहीं थी। ब्रह्मावैवर्त पुराण के मुताबिक, राधा अपने घर को छोड़ते समय अपनी परछाई (छाया राधाध्माया राधा) घर पर मां कीर्ती के साथ छोड़ गई थीं। छाया राधा की शादी रायान गोपा (यशोदा के भाई) से हुई थी। इसीलिए कुछ लोग ये भी कहते हैं कि राधा रिश्ते में कृष्ण की मामी लगती थीं। इसलिए कृष्ण ने राधा से शादी नहीं की थी। राधा की मृत्यु कैसे हुई यह एक बड़ी अहम बात है जो काफी कम लोग जानते हैं। लोक कथाओं के मुताबिक, जीवन के अंतिम दिनों में राधा कृष्ण मिलने द्वारका गईं थीं। लेकिन, वहां जाकर राधा को लगा कि कृष्ण से करीब रहना अब उस तरह का अनुभव नहीं है। इसके बाद वो वापस चली आई। अपने जीवन के अंतिम क्षणों में कृष्ण ने राधा के लिए सबसे मधुर बांसुरी की धुन बजाई। कहा जाता है कि इसके बाद ही राधा जी कृष्ण में विलीन हो गईं। हालांकि, किसी भी पुराण में राधा की मृत्यु का वर्णन नहीं किया गया है।
(साभार-धार्मिक और आध्यत्मिक)