जानलेवा हमले के आरोपियों को बचाने की जुगत में महराजगंज पुलिस हुई फेल

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इस घटना से सवालों के घेरे में खड़ी महराजगंज पुलिस के खुलासे के सच

महराजगंज (रायबरेली)। पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सिंह की सख्त चेतावनी के बाद जागी महराजगंज पुलिस जो बीते 15 दिनों पहले एक मीट व्यवसाई पर गाँव के ही आधा दर्जन दबंगों ने रातः 10 बजे के लगभग शरीफ पुत्र हनीफ पर जानलेवा हमला किया था और मरणासन्न अवस्था मे छोड़कर आरोपी फरार हो गए थे जिसकी सूचना संबंधित थाने व डायल100 पुलिस को दी गई सूचना पर पहुँची पुलिस ने घायल युवक व जिस फनटियों से मारा गया था वो फंटी सहित झाड़ियों में पड़ी बाइक भी बरामद कर ली और पीड़ित की तहरीर लेकर ऑफिस की टेबल पर सजा दी फिर मामले को छुपाने को लेकर कवायद शुरू हो गई और आरोपियों को लगातार बचाने की कोशिश होने लगी दूसरी तरफ घायल युवक की हालत गंभीर बनी थी जिसको परिजनों द्वारा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जब डॉक्टरों ने देखा कि यह ज्यादा ही गंभीर है तो उसे लखनऊ रेफर कर दिया । जहाँ एक तरफ पुलिस अधीक्षक व अपर पुलिस अधीक्षक आरोपियों अपराधियों वारंटियों, के खिलाफ सख्त कार्यवाही की बात करती हैं वही महराजगंज पुलिस जानलेवा हमले के आरोपियों को लगातार बचाने की कोशिश में लगी थी पर ये कोशिश उस वक्त नाकाम हो गई जब थाने से कोई सुनवाई न होने पर पीड़ित का परिवार न्याय की गुहार लगाने के लिए पुलिस अधीक्षक की चौखट पर आकर न्याय की गुहार लगाते हुए अपनी आपबीती सुनाई तुरंत पुलिस अधीक्षक ने संबंधित थाने को इस मामले पर सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए वही पुलिस अधीक्षक के सख्त चेतावनी के बाद महराजगंज पुलिस जो बिना सम्पूर्ण जांच के ही कहती रही थी अफेयर का मामला है व और कई मनगढ़ंत कहानी बताती रही लखनऊ ट्रामा सेंटर से आने के 15 दिनों बाद जब रायबरेली लाया गया और थाने में फिर से दूसरी रिपोर्ट दर्ज कराई तो पुलिस ने बयान के लिए थाने बुलाया काफी देर इंतजार कराने के बाद जख्मी हालत में घंटों गाडी में प्रभारी निरीक्षक व विवेचक द्वारा पूछताछ होती रही करीब डेढ़ घंटे बाद भी प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि कुछ हल नही निकल रहा।सच नहीं बताया जा रहा है जख्मी द्वारा फिलहाल प्रभारी निरीक्षक ने एक बार और आश्वासन दिया आरोपियों पर कार्यवाही के लिए पर तो 3 दिन बीत जाने के बाद कोई आसार नहीं दिखे तो पीड़ित परिवार ने हारकर एक प्रार्थना पत्र लिखकर पुलिस अधीक्षक को दिया गया और मामले से अवगत करवाया तो थाने की पुलिस को आरोपियों को गिरफ्तार करना ही पड़ा गौरतलब है कि थाना महाराजगंज की पुलिस ने आज इन चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया है वह कई दिनों से फरार नहीं चल रहे थे बल्कि आराम से घूम रहे थे और पुलिस द्वारा घटना से संबंधित 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया था जिसमें एक अभी भी फरार चल रहा था फिलहाल पुलिस ने खुलासा के लिए 4 आरोपियों को पुलिस अधीक्षक के सामने परोस दिया और अपनी पीठ थपथपवाली बताते चलें दिनांक 22-02-2019 को वादी द्वारा थाना स्थानीय पर नामजद लिखित तहरीर देकर बताया कि दिनांक 21/03/ 2019 मेरे पति दुकान बंद करके समय करीब 9:00 बजे रात्रि को घर वापस आ रहे थे कि तभी नामजद व कुछ अज्ञात व्यक्तियों द्वारा राजू वर्मा के तालाब पर बल्ला मार्ग पर रात को जान से मारने की नियत से तालाब पर ले गए और बुरी तरह मारा-पीटा जिससे उनके शरीर पर गंभीर चोटे आई जिसके कारण यह मरणासन्न स्थिति में रात भर वहीं पड़े रहे वादिनी की तहरीर के आधार पर संबंधित थाने ने कई दिनों तक मुकदमा ही नहीं पंजीकृत किया जब 12/3/2019 को पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु घूम रही थी तो पीड़ित व्यक्ति के परिजनों द्वारा सूचना दी तो प्रभारी निरीक्षक महाराजगंज द्वारा टीम के साथ जाकर मौके से 6 हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया गया गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में जान मोहम्मद पुत्र नूर मोहम्मद निवासी बावन बुजुर्ग बल्ला थाना महाराजगंज शफीपुर पुत्र रोशनअली निवासी बावन बुजुर्ग बल्ला थाना महाराजगंज मिथुन कुमार पुत्र अशोक कुमार दीक्षित निवासी बावन बुजुर्ग बल्ला थाना महाराजगंज पिंटू पुत्र सत्यनारायण निवासी बावन बुजुर्ग बल्ला थाना महाराजगंज को बावन बुजुर्ग बल्ला मोड़ पर मजार के पास से गिरफ्तार कर लिया गया गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से शरीफ पुत्र हनीफ का लूटा हुआ मोबाइल व पैसे तथा लकड़ी की फंटी जिससे अभियुक्तों द्वारा शरीफ को मारा गया था पर सवाल यह उठता है कि आखिर पीड़ित की पहली सूचना रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपियों पर कार्यवाही क्यों नहीं की और मामले को महीन क्यों टालती रही इस घटना पर आखिर क्यों मनगढ़ंत कहानी बनाती रही क्यों जबरदस्ती पीड़ित पर ही आरोप प्रत्यारोप लगा रही थी थाने की पुलिस ऐसे ही कई सवाल है जो पुलिस को घेर में लाती है फिलहाल पुलिस ने जिन 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया था उनमें से सिर्फ 4 आरोपियों पर कार्यवाही करते हुए न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर जेल भेज दिया गया।

अनुज मौर्य रिपोर्ट

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