डी एम साहिब नये बजट में बांटी गयी पुरानी ड्रेस, परिजनों ने जाँच की माँग

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महराजगंज (रायबरेली)। क्षेत्र के विद्यालयों में बच्चों को वितरण की गयी ड्रेसों में शासन द्वारा बजट बढ़ाकर मिलने के बाद भी पुरानी ड्रेसे बांटकर शिक्षकों द्वारा सरकारी धन का जमकर बन्दरबांट किया गया। पुरानी ड्रेसों को बांटकर नई दरों पर भुगतान कर कमीशनबाजी का खुला खेल खेला गया परन्तु किसी भी उच्च अधिकारी या जनप्रतिनिधि ने इस ओर ध्यान देना मुनासिब नही समझा। वही ड्रेस वितरण के तीन माह बाद ही ड्रेसे फटनी शुरू हो गयी जिससे अभिभावकों में भी रोष व्याप्त है । यदि किसी भी सक्षम अधिकारी द्वारा मामले में संज्ञान ले जांच की जाय तो कलई खुलने में जरा भी देर नही लगेगी।

बताते चलें कि प्रदेश सरकार द्वारा परिसदीय विद्यालयों के बच्चों को वितरण की जाने वाली ड्रेसो की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए बजट बढ़ाकर दिया गया जिससे सरकार पर अतिरिक्त बोझ भी पड़ा। परन्तु कमीशनखोरी का स्वाद चख चुके शिक्षकों द्वारा इस बार तो हद ही कर दी गयी। बढे़ हुए बजट की कौन कहे पुरानी ड्रेसों पर ही नये दरों का उपयोग कर ड्रेस वितरण कर दी गयी। खास बात यह रही कि इस बार ड्रेस वितरण में एक साथ पूरे के पूरे न्याय पंचायत के विद्यालयों को एक साथ रखकर भब्य कार्यक्रमों के माध्यम से ड्रेस वितरण किया गया जिससे ड्रेस की गुणवत्ता के साथ किया गया समझौता छिपाया जा सके। मामले में क्षेत्र के अभिभावकों ने ड्रेस वितरण में की गयी धांधली की जांच कराये जाने की मांग की है। अभिभावकों का कहना है कि यदि किसी सक्षम अधिकारी द्वारा ड्रेस की गुणवत्ता की जांच की जाय तो हुई कमीशनबाजी व धांधली की कलई खुलते देर नही लगेगी।

अनुज मौर्य/अशोक यादव रिपोर्ट

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