रायबरेली। गुरूद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में दशम गुरू श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज का 352 वां प्रकाश पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सुबह भोर से ही धार्मिक कार्यक्रमों का दौर चला, जिसमें मुख्य ग्रंथी जगरूप सिंह जी, हजूरी रागी अमर सिंह जी, स्टडी सर्किल के वीर, द्वारा कथा कीर्तन प्रवचन हुआ जिसे वहां मौजूद संगत सुनकर आत्म विभोर हो गई। ज्ञानी जी ने प्रकाश डालते हुए बताया कि गुरु जी का जन्म 22 दिसंबर 1666 को पटना साहिब में हुआ था। गुरु जी को नौ वर्ष की आयु में ही गुरू गद्दी सौंप दी गई थी।पटना साहिब सिक्ख धर्म का दूसरा तख्त है।यही पर गुरु का बाग नाम से भी गुरूद्वारा हैं,जिसे करीम खा ने गुरु साहब को बाग भेट किया था। और साथ ही गुरूद्वारा मैनी संगत है, जहां बाल अवस्था में श्री फतेह चंद मैनी के यहां गुरु जी खेलने जाते थे। गुरुद्वारा साहिब में नगर पालिका अध्यक्ष। पूर्णिमा श्रीवास्तव व मुकेश श्रीवास्तव माथा टेकने व आशीर्वाद लिया और ज्ञानी जी ने सरोपा देकर सम्मानित भी किया। अरदास के बाद लंगर का आयोजन भी हुआ जिसमें संगत ने बहुत श्रद्धाभाव से लंगर ग्रहण किया। इसमें मुख्य रूप से त्रिलोचन सिंह नरूला, जोगिंदर सिंह बग्गा, अवतार सिंह छाबड़ा, जसबीर सिंह गांधी, इकबाल सिंह मखीजा, गुरमीत सिंह तनेजा, जोगिंदर सिंह अरोड़ा, निधान सिंह खनूजा, बलजीत सिंह मोंगा, गुरजीत सिंह तनेजा, दलजीत सिंह सलूजा, त्रिलोचन सिंह मोंगा, पपिनदर सिंह सलूजा, जसविंदर सिंह गांधी, त्रिलोचन सिंह छाबरा, अमरीक सिंह अरोड़ा, तेजपाल सिंह मोंगा, जसपाल सिंह भाटिया, हरचरण सिंह मोंगा आदि रहे।