रायबरेली। सेन्ट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ समाजवादी नेता ने धान क्रय केन्द्रों में जोड़े गये राजस्व ग्रामों की चयन सूची में जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाये हैं। श्री यादव ने मुख्यमंत्री को फैक्स भेजकर धान क्रय केन्द्रों में शामिल किए गए राजस्व ग्रामों का पुन: सत्यापन कराये जाने की मांग की है। जिला प्रशासन ने बिना भौतिक सत्यापन किए घर में बैठकर राजस्व ग्रामों की सूची, धान क्रय केन्द्र्रों को भेजी है, उससे बिचौलियों को फायदा होगा। किसानों को उनके उत्पादन का सही मूल्य नहीं मिलेगा, सिर्फ सरकारी कर्मचारियों की जेबें गर्म होंगी। श्री यादव ने बताया कि उदाहरण के तौर पर एसडीएम सदर एवं तहसीलदार सदर द्वारा संयुक्त रूप से हस्ताक्षरित एवं दिनांकित 16 अक्टूबर 2018 खरीद विपणन वर्ष 2018-2019 हेतु धान क्रय केन्द्रों से सम्बद्ध ग्रामों का विवरण सम्बन्धित धान क्रय केन्द्रों एवं प्रशासन व शासन को भेजा गया। भेजी गयी सूची के 8वें क्रमांक में धान क्रय केन्द्र क्रय-विक्रय साधन सहकारी समिति लिमिटेड ऐट दरीबा नाम से धान क्रय केन्द्र में 25 ग्रामों की सूची सम्बद्ध की गयी है। जिसमें से कस्बा गिर्द नेवाह, अख्तियारपुर, भीषमपुर, चक दौलताबाद, घूरा पट्टी, चक बहादुरपुर, चक बहेलियापुर, चक सहाबुद्दीनपुर, छावनी पुलिस, अहमदपुर नजूल जैसे शहर के गांवों के नाम शामिल हैं, जिसमें खेती होती ही नहीं है। इसी प्रकार से देदौर गांव पीसीएफ सा.स. समिति कोरिहर धान क्रय केन्द्र से आठ किमी दूर जोड़ा गया है, जबकि मात्र दो किमी की दूरी पर दरीबा में क्रय केन्द्र खुला है। इसी प्रकार अलीपुर आइमा व नकफुलहा छह किमी की दूरी पर पीसीएफ मनेहरू से जोड़ा गया है, जबक मात्र दो किमी की दूरी पर दरीबा है। इसी प्रकार पूरे जिले में गांवों की सूची बनाने में धांधली कर किसानों का उत्पीडऩ किया गया है। उन्होंने सूची का पुन: सत्यापन कराके व्यवहारिक रूप से सूची बनवाने की मांग की है।