नगर की सीमा का चिन्हांकन न होने से खड़ी हो रही समस्याएं

91

महराजगंज रायबरेली
शासन द्वारा नगर पंचायत महराजगंज के सीमा विस्तार की घोषणा के बाद अतरेहटा गांव के लोग जहां असमंजस की स्थिति में है वही गांव से कटे हुए क्षेत्र का विकास भी पूरी तरह से बाधित है यही नहीं पंचायत चुनाव की तैयारियों में विस्तार का चिन्हांकन न किया जाना सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। नगर पंचायत के अधिशाषी अधिकारी द्वारा उपजिलाधिकारी को पत्र जारी कर चिन्हांकन की कई बार मांग के बावजूद भी आज तक चिन्हांकन नही हो सका है।
बताते चलें कि शासन द्वारा नगर पंचायत महराजगंज का विस्तार करते हुए अतरेहटा गांव से सटी हुई आबादी व जमीनों को नगर पंचायत में शामिल करने की घोषणा तो कर दी है परन्तु अभी तक सामिल होने वाली आबादी व भूमि का चिन्हांकन नही हो सका है जिससे नगर पंचायत व ग्राम सभा दोनो ही असमंजस की स्थिति में है तो वहीं कटे क्षेत्र का विकास भी पूरी तरह से बाधित है। नगर पंचायत के अधिशाषी अधिकारी डा0 राजेश कुमार द्वारा उपजिलाधिकारी को कई बार सीमा का चिन्हांकन करवाने के लिए पत्र भी जारी किया जा चुका है लेकिन अभी तक लेखपालों द्वारा सीमांकन तो दूर चिन्हांकन की शुरूआत भी नही की जा सकी है। एक बार फिर अधिशाषी अधिकारी ने उपजिलाधिकारी को पत्र लिखकर चिन्हांकन कराये जाने की मांग की गयी है। जिससे कि जुडे़ क्षेत्र को भी नगर पंचायत द्वारा सुविधाएं मुहैया करायी जा सके।

बाधित है पूरी तरह विकास कार्य
नगर पंचायत के विस्तार की घोषणा के बाद अतरेहटा गांव से कटकर सामिल होने वाली आबादी को नगर पंचायत व ग्राम पंचायत किसी भी मद से कोई लाभ प्राप्त नही हो पा रहा है जिससे कटे क्षेत्र का विकास भी ठप्प हो गया है। यहां तक कि यदि एक हैण्डपम्प भी खराब हो जाये तो उस हैण्डपम्प की मरम्मत न तो नगर पंचायत करा रही है और न ही ग्राम पंचायत।

पंचायत चुनाव की तैयारियों में सीमांकन बन रही बाधा
नगर पंचायत के विस्तार में सामिल हुए अतरेहटा ग्राम सभा के भाग का चिन्हांकन न होने से पंचायत चुनाव की तैयारी के लिए मतदाता सूची बनाने का कार्य भी आरम्भ नही हो सका है। जिससे आम जनता भी असमंजस में है और चुनावी प्रक्रिया भी बाधित है। मतदाता सूची में नाम घटाने बढ़ाने की प्रक्रिया भी प्रभावित हो रही है।

भूमाफियाओं की भी है बेसकीमती भूमि पर नजर
विस्तार की घोषणा के बाद ग्राम सभा व नगर पंचायत दोनो के हस्तक्षेप न होने से नगर पंचायत में सामिल होने वाली बेसकीमती भूमि पर भूमाफियाओं की नजरे टेढ़ी हो गयी है, भूमाफियाओं ने उन कीमती जमीनों पर बेरोकटोक कब्जा करना प्रारम्भ कर दिया है। नगर पंचायत द्वारा कई बार चिन्हांकन की मांग की जा चुकी है जिससे विस्तार के प्राप्त भूमि को भी सुरक्षित करने में बाधा उत्पन्न हो रही है।

एडवोकेट अशोक यादव रिपोर्ट

Previous articleस्वास्थ्य कर्मियों व फ्रंटलाइन वर्कर की भी जांची जाएगी सेहत
Next articleकायस्थ समाज लोक एवं जनहित में करेगा पुलिस का सहयोग-अरविन्द श्रीवास्तव