रायबरेली
नशा चढ़ा ऐसा की बुलेट हुई फेल स्टार्ट करने में छूटे पसीने। जी हां जहाँ होली के त्यौहार के दिन लोग एक दूसरे को रंग और गुलाल लगा रहे थे,वही नशे के लती लोग शराब पीकर मोटर वाहनों की सैर कर रहे थे। इसका परिणाम है कि लगभग डेढ़ सौ से दो सौ लोग चोटिल हो गए वहीं काफी लोगों को जान से हाथ भी धोना पड़ा। कहीं ना कहीं दोष जिम्मेदारों का भी है, क्या क्षेत्रों में बिक रही थी शराब!! क्योंकि देखा जाए तो 14 से 19 वर्ष तक के बच्चे बेधड़क शराब के नशे में तीन या चार लोगो तक बाइक मे बैठे सड़कों पर फर्राटे भरते नजर आ रहे थे। क्या अभिभावकों ने दे रखी थी पूरी छूट या पुलिस चेकिंग का नहीं था डर। हेलमेट की तो बात ही छोड़िए नशे में वाहन चलाना पूरी तरह से जुर्म है। लेकिन कहीं पर इसको देखते हुए चेकिंग अभियान नहीं चलाया गया।यह प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है, क्या प्रशासन भी ढिलाई कर रहा था।यही कारण है कि कई घरों के चिराग बुझ गए और काफी लोगों की होली नशेडियो के साथ में अस्पताल के बेड पर गुजरी।पर उनको विचार नहीं आया कि उनके परिवार के लोग भी अस्पताल के चक्कर लगाकर परेशान हो रहे हैं। यह विचारणीय बिंदु है। वही आज सड़क हादसे में ओम नगर (कूड़)पर ओमप्रकाश निवासी पारी की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई।
अनुज मौर्य/मनीष श्रीवास्तव रिपोर्ट