पुजारी की मौत के मामले में पिछड़े वर्ग का प्रदर्शन

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जिलाधिकारी को ज्ञापन देते पिछड़े समाज के लोग

रायबरेली। ऊंचाहार कोतवाली क्षेत्र के बहुचर्चित श्रीरामजानकी मंदिर के पुजारी की मौत के मामले में जल्दबाजी में की गई पुलिसिया कार्यवाही योगी सरकार के लिए किरकिरी का कारण बन रही है। पीएम रिपोर्ट के बावजूद पुलिस द्वारा एक 120-बी बढ़ाकर दो नामजद अभियुक्तों व चार महिलाओं को जेल भेजे जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। प्रकरण में पुलिस की ओर हत्या या आत्महत्या पर साफ रुख न रखने के कारण तमाम राजनैतिक दल इस मामले को हवा देकर सरकार को घेरने की कोशिशें कर रहें हैं। बुधवार को पिछड़े समाज के दर्जनों लोगों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर पुलिस पर निष्पक्ष जांच न करने का आरोप लगाते हुए प्रकरण की पारदर्शी जांच कराने की मांग की है। लोगों ने डीएम से कहा है कि मामले की निष्पक्ष विवेचना की जाए ताकि लोगों को न्याय मिल सके। लोगों ने ऊंचाहार के स्थानीय विधायक व पूर्व सपा सरकार के कैबिनेट मंत्री पर भी गंभीर आरोप लगायें हैं। दर्जनों की संख्या में कलेक्ट्रेट पहुंचे लोगों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर बताया कि श्रीरामजानकी मंदिर पूरे बाबा मजरे इटौरा बुजुर्ग के महंत बाबा सत्यनारायण दास थे। उसके बाद पिछड़ी जाति के महंत बाबा रामस्वरूपदास ने मंदिर का कार्यभार संभाला। लोगों का आरोप है कि मंदिर की सम्पत्ति पर कब्जा करने की नियत से गांव निवासी ज्वाला प्रसाद पुत्र रामनारायण को कूटरचित ढंग से प्रेमदास बनाकर महंत बना दिया, और वास्तविक महंत रामस्वरूपदास को भगा दिया। लोगों ने बताया कि प्रेमदास से मौनी बाबा के नाम मुख्तारनामा लिखाया गया। जबकि प्रेमदास विद्दिक रूप से अधिकृत नहीं थे। मौनी महराज ने 21 दिसम्बर को ब्राह्मणों की बैठक बुलाकर खुद को महंत घोषित कर दिया। लोगों का आरोप है कि 22 दिसम्बर को मौनी महराज ने बैजनाथ मौर्या को अपने आश्रम सगरा अमेठी बुलाया था, और बाद में फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया। लोगों ने बताया कि मौनी महराज पर अमेठी जनपद के कई थानों में अपराधिक मुकदमें दर्ज हैं। उनके द्वारा जबरन पिछड़े वर्ग के लोगों का उत्पीड़न किया जा रहा है। यह भी बताया गया कि घटना के बाद से पंचशील इण्टर कालेज व डिग्री कालेज बंद चल रहा है। जिससे उसमें पंजीकृत पांच हजार छात्रों के भविष्य पर संकट मंडरा रहा है। लोगों का आरोप है कि मौनी महराज अपने साथियों के साथ जेसीबी से कालेज की बाउन्ड्रीवाल तोड़ी है, और वहीं प्रेमदास के शव को दफनाया गया है। लोगों ने क्षेत्रीय विधायक मनोज कुमार पाण्डेय पर आरोप लगाया कि उनका कालेज पंचशील कालेज के निकट है, और उसमें छात्रों की संख्या पर्याप्त नहीं है। इसके लिए वह भी इस कालेज को ध्वस्त कराना चाहते हैं। लोगों ने डीएम को बताया कि बाबा प्रेमदास की मौत में आत्महत्या के साक्ष्य होने के बाद भी हत्या में फंसाया जा रहा है। जिसकी निष्पक्ष विवेचना की जाए। इस दौरान अंजनी मौर्या सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे।

अनुज मौर्य की रिपोर्ट

 

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