प्रॉपर्टी डीलर का सितम की खत्म हो गया एक परिवार जमीन खरीददारी में हुए घपले की वजह से पीड़ित ने खाया जहर, मौत

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रायबरेली– यदि आप रायबरेली शहर में जमीन जायदाद खरीदने जा रहे हैं तो ज़रा संभल जाइए प्रॉपर्टी डीलरों का सितम इस कदर बढ़ गया है कि जनपद में प्रॉपर्टी विवाद की बाढ़ आ गई है। ना जाने जिले के प्रॉपर्टी डीलर किसकी शह पर जिले में आतंक मचा रखे हैं या भी सवालिया निशान है! मामला रतापुर का है जहां पर धर्मेंद्र सिंह नाम के व्यक्ति ने प्लाट खरीदने के लिए तीन प्रॉपर्टी डीलरों से सौदा तय किया व्यवस्था के अनुसार प्रॉपर्टी डीलरों ने मिलकर पहले तो उनको ठग लिया एक अकाउंट बनाया जिस पर पैसों का लेनदेन हुआ जैसा सूत्र बता रहे हैं। उसके बाद तीनों प्रॉपर्टी डीलर लिखा पढ़ी के वक़्त पर ही मौके से भाग निकले। मृतक धर्मेंद्र सिंह ने अपने स्तर पर पैसा वापस हो जाए इसका प्रयास किया लेकिन जब पैसे वापस नहीं हुए मानसिक अवसाद की स्थिति में चले गए और उन्होंने जहर खा लिया अस्पताल में उनकी दुखद मृत्यु हो गई। 3 महीने पहले पत्नी की भी मौत हो चुकी है अपने पीछे यह परिवार दो बच्चों को छोड़ गया है अबोध बालक किस तरह से अपना जीवन जिएंगे यह भी सोचने का विषय है!

प्रॉपर्टी डीलरों का काम सिर्फ लोगों को ठगना

जनपद के प्रॉपर्टी डीलर किसी न किसी राजनीतिक गलियारे से दखल रखते हैं जिसके एवज में वह जमकर सितम मध्यमवर्गीय परिवारों के साथ करते हैं जमीन जायदाद खरीदारी के नाम पर उनके साथ धोखाधड़ी बेईमानी, बे मनुष्यता, अत्याचार पराकाष्ठा पार कर लेते हैं। सबसे बड़ा सवालिया निशान पुलिस और प्रशासन व्यवस्था पर भी है कितने जमीनी मामले आते हैं लेकिन उनको कानूनी प्रक्रिया में लंबित रखा जाता है जिसकी वजह से पीड़ित पक्ष कहीं का नहीं होता। जबकि उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ का सख्त आदेश है उन्होंने एंटी भू माफिया भी बना रखा है लेकिन वह भी इन माफियाओं के आगे बेबस है आखिर क्यों ऐसे डीलरों पर कार्यवाही नहीं होती जो जिले में जमीन खरीदारी के नाम पर गोरखधंधा कर रहे हैं इन पर पुलिसिया कार्यवाही ना होना ही उनके हौसले को बढ़ाती है।

आखिर किससे शिकायत करें पीड़ित

सवाल जायज भी है आखिर ठगी हो जाने के बाद पीड़ित व्यक्ति किससेकायत करें न्याय की गुहार किन से लगाए? किन परिस्थितियों में टालमटोल और सालों चलने वाली प्रक्रिया के बाद उसे न्याय मिलेगा इस बात पर खुद वह अपने आप को ठगा महसूस करता है। जनपद में घटित दुखद घटनाक्रम के बाद अब देखना होगा जिला प्रशासन ठगों के गिरोह प्रॉपर्टी डीलर के इस धंधे पर क्या कार्यवाही करता है कैसे आम जनमानस को धोखेबाजी से बचाया जा सकता है यह आने वाला वक्त बताएगा। रायबरेली जनपद में खुलेआम बिना किसी रजिस्ट्रेशन के प्रॉपर्टी डीलर अपना धंधा चलाते हैं जमीन बिकवाने-बेचने के नाम पर कमीशन का खेल होता है सर्किल रेट से अलग होकर पैसों का लेनदेन किया जा रहा है ऐसे में काले धन पर कार्यवाही तो छोड़ दीजिए आम जनमानस को प्रॉपर्टी के नाम पर जो ठगी का सामना करना पड़ रहा है उसके सामने कैसी चुनौती है यह भी समझने का काम प्रशासन कैसे करेगा अभी आने वाला वक्त है करेगा!

क्या लिखा था सोसाइड नोट में

मृतक धर्मेंद्र सिंग ने मार्मिकता और विवशता से भरा सुसाइड नोट लिखा है उसमें उन्होंने लिखा है आदरणीय पुलिस अधीक्षक महोदय प्रार्थी धर्मेंद्र सिंह पुत्र रामबहादुर निवासी जिला अमेठी रतापुर स्थित चमेला भवन में छोटा सा व्यापार करता है। एक मकान त्रिपुला महाराजगंज रोड जर्सी फार्म के सामने खरीदने का तय किया था। जिसमें प्रॉपर्टी डीलर विवेक रामकुमार शिवकांत विश्वकर्मा द्वारा उनके साथ ठगी की गई उन्होंने अपनी जमीन बेच कर घर लेना चाहा तीनों प्रॉपर्टी डीलरों को ₹3960000 दे दिया। पैसा लेने के बाद ना तो वह मकान दे रहे हैं और ना ही पैसा वापस कर रहे हैं ऊपर से धमकी दे रहे थे। उन्होंने सुसाइड लेटर में आगे लिखा है इसलिए ऐसी परिस्थितियों में वह सुसाइड कर रहे हैं। लेटर में आकर उन्होंने लिखा है विधायक जी से अनुरोध है इस पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करवाएं और बच्चों को न्याय दिलवाए।

तेजतर्रार पुलिस अधीक्षक अब दिलवा सकते हैं न्याय

जिस तरह से पुलिस अधीक्षक रायबरेली से अपील करते हुए मृतक धर्मेंद्र सिंह ने पूरे घटनाक्रम का जिक्र किया है उससे यह साफ है कि अब तो जनपद के तेजतर्रार पुलिस अधीक्षक ही स्थानीय पुलिस पर भी कार्यवाही करते हुए आखिर क्यों ऐसे दुर्दांत प्रॉपर्टी डीलर पनप रहे हैं और पुलिस उनको संज्ञान में नहीं ले रही थी इस पर भी कार्यवाही करना उनके लिए बेहद जरूरी हो गया है। जैसा कि पुलिस अधीक्षक ने पहले भी कहा था रायबरेली में शांति व्यवस्था को बनाए रखना उनका पहला उद्देश्य होगा अब उसी उद्देश्य के लिए पीड़ित परिवार को उनको न्याय दिलाना होगा उसी के साथ प्रॉपर्टी डीलरों के ऐसे गिरोहों पर सख्त कार्रवाई करनी होगी जिनसे किसी का परिवार ना उजड़े मासूम दर-दर भटकने पर विवश ना हो अब तक पुलिस अधीक्षक रायबरेली के जिम्मे है कि वह न्याय कैसे दिलाते हैं?

अनुज मौर्य रिपोर्ट

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