सीएमओ बोले-फाइलेरिया को रोकने के लिए तैयार होगा माइक्रो प्लान
रायबरेली। फाइलेरिया रोग उन्मूलन हेतु आयोजित कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए सीएमओ डा. डीके सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय फाइलेरिया दिवस 14, 15, 16 नवम्बर को आयोजित किया जा रहा है। बुधवार को जिला अस्पताल, पीएचसी व सीएचसी पर फाइलेरिया की दवा डीईसी व एल्बेन्डाजाॅल मुफ्त खिलाकर इस अभियान का शुभारम्भ किया गया है। इस वर्ष एमडीए-2018 का आयोजन 14 नवम्बर से 16 नवम्बर तक किया जाना है। 17 एवं 18 नवम्बर को मापअप राउण्ड कराया जायेगा जिसमें जनपद में दो वर्ष से अधिक आयु वर्ग के व्यक्तियों को आयु वर्गानुसार डीईसी व एल्बेन्डाजाल की खुराक खिलायी जायेगी फाइलेरिया रोग से बचाव हेतु उक्त दवा का सेवन अति आवश्यक है।
सीएमओ ने कहा कि स्वस्थ्य दिखते हुए व्यक्तियों के शरीर में फाइलेरिया के परजीवी हो सकते हैं। उन्होंने ने बताया कि दो से 14 वर्ष आयु के वर्ग व्यक्तियों को एल्बेन्डाजाल की गोली बड़ी होती है जिसे पीस कर खिलाये। कार्यक्रम पूरी तरह से सफल हो इसके लिए समुचित तैयारी व माइक्रोप्लान पर अधिक ध्यान देकर फाइलेरिया की खुराक खिलाकर रोग के प्रभावी नियंत्रण किया जा रहा है। डीईसी व एल्बेन्डाजाल की खुराक मुफ्त में खाकर फाइलेरिया को बाॅय-बाॅय करें। उन्होंने बताया कि खाली पेट, गंभीर रूप से बीमार व गर्भवती महिलाओं को दवा का सेवन नहीं करायेगें। इसके निर्देश सभी सीएचसी व पीएचसी, स्वास्थ्य कार्यकर्ता व स्वयं सेवक को दे दिये गये है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डीके सिंह ने लोगों से अपील की गई है कि उपरोक्त को घर-घर भ्रमण कर रही टीमों के माध्यम से दवा की एक खुराक का सेवन कर फाइलेरिया रोग उन्मूलन में अपना योगदान देते हुए कार्यक्रम को सफल बनाए। उन्होंने ने कहा कि माइक्रोप्लान के अनुरूप कार्य करें। एसीएमओ डा. कृष्णा सोनकर ने कहा कि फाइलेरिया रोग में हाथ में सूजन, पांव में सूजन, अण्डकोष व स्तनों का बड़ा होना आदि इसके लक्षण है। मादा मच्छर क्यूलैस फैटीगन्स के काटने पर होता है। यह रोग गंदे पानी में पैदा होने वाले मादा मच्छर क्यूलैस फैटीगन्स से होता है। फाइलेरिया रोग से बच सकते है। दवा की खुराक वर्ष में एक बार लगातार 5-6 वर्षों तक आवश्य खायें। मीडिया कार्यशाला का भी आयोजन किया गया। मौके पर जिला मलेरिया व नोडल अधिकारी डा. रितू श्रीवास्तव, एडी सूचना प्रमोद कुमार, एसीएमओ डा. नागेन्द्र प्रसाद, डीएचईआईओ डा. एस अस्थाना, डा. अंजली, डा. रिश्री श्रीवास्तव, डा. एसके चक, डा. कृष्णा सोनकर, ज्योति मिश्रा, लोकेश त्रिपाठी, राजू तिवारी सहित पीसीआई व सी-फाॅर संस्था के सदस्य आदि उपस्थित रहे।