महराजगंज (रायबरेली)। इस बार हो रही रुक-रुककर हो रही बरसात से जहां किसानों के चेहरे खुशी से खिले हुए नजर आ रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर लगातार हो रही बारिश गरीबों के लिए आफत बनकर कहर बरपा रही है। लगातार हो रही बरसात से जहां कच्चे मकान जमींदोज हो रहे हैं तो वहीं इन कच्चे मकानों में रहने वाले लोगों के लिए हर समय मौत का साया मंडराता रहता है। बीती रात हुई तेज बारिश से एक कच्चे मकान के गिरने से लगभग आधा दर्जन से अधिक मवेशियों की मरने की खबर आ रही है। बताते चलें कि बीती रात कोतवाली क्षेत्र के जनई गांव में राधे नाई पुत्र प्रताप नाई अपनी लगभग एक दर्जन गायों को चारा खिलाकर गहरी नींद में सोया हुआ था तभी मध्य रात्रि के करीब उसका कच्चा मकान भरभराकर गिर गया जिसमें दर्जनों की संख्या में बंधी गायें मलबे में दब गई। मकान गिरने की आवाज को सुनकर जब राधे अपने तबेले में पहुंचा तो देखा कि कच्चे मकान का मलबा चारों ओर बिखरा हुआ है और उसमें कुछ गाय चिल्ला रही हैं। बाकी उसी मलबे में दफन है। उसने आनन-फानन में ग्रामीणों की मदद से गायों को निकालना प्रारंभ किया। जिसमें लगभग सात गायें मृत पाई गई जबकि पांच गायें गंभीर रूप से घायल हैं। घटना की सूचना मिलने पर कोतवाली पुलिस ने मौके पर पहुंची। पशु चिकित्सक ने मृत गायों के मांस का नमूना लेकर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया है। तहसील प्रशासन से भी उच्चाधिकारियों ने मौके पर जाकर पीडि़त से घटना की जानकारी प्राप्त की तथा शासन से मिलने वाली हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया।