रायबरेली। उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ की एक बैठक जिलाध्यक्ष जगजीवन प्रसाद शुक्ल की अध्यक्षता में उनके आवास में सम्पन्न हुई। बैठक में मुख्य रूप से बोर्ड परीक्षा-2019 के परीक्षा केन्द्रों के निर्धारण में हुई, धांधली पर चर्चा की गयी। जिला मंत्री धर्मेश नारायण दीक्षित ने बताया कि बोर्ड एवं शासन द्वारा परीक्षा-2019 केन्द्रों की शर्तो को पूरी करने वाले विद्यालयों को परीक्षा केन्द्र नहीं बनाया गया। इस पर उपस्थित शिक्षकों द्वारा भारी रोष व्यक्त किया गया। विगत वर्ष 2018 की परीक्षा को शासन की मंशा के अनुरूप परीक्षा कराने वाले विद्यालयों को भी वर्ष 2019 की परीक्षा में परीक्षा केन्द्र नहीं बनाया गया है।
जिन माध्यमिक राजकीय विद्यालयों को परीक्षा केन्द्र नहीं बनाया गया है वह सभी विद्यालय शासन द्वारा निर्धारित मानक जो कि केन्द्र के निर्धारण के लिए दिये गये हैं, की शर्तो को पूर्णतः पालन करते हैं और न ही उन विद्यालयों के विरूद्ध कोई भी शिकायत विगत वर्षो की परीक्षाओं में नहीं आयी है। ऐसे अकारण परीक्षा केन्द्र न बनाया जाना भ्रष्टाचार का पूर्णरूपेण कारण परिलक्षित होता है, जो विद्यालय परीक्षा केन्द्र नहीं बने है, उनमें से मुख्य रूप से श्री गोविन्द सिंह इं. का. रौतापुर, सर्वोदय इं. का. सलोन, इंटर कालेज, अटरा, इण्टर कालेज कुर्री सुदौली, राजा चन्द्रचूण सिंह इं. का. महराजगंज, भगवती इं. का. मुरारमऊ, इं. का. भैरव मिश्रा, गंगाराम बराती लाल इं. का. लालगंज व राजकीय बालिका इं. का. रायबरेली सहित बहुत ऐसे विद्यालय हैं, जो विगत कई वर्षो से परीक्षा केन्द्र रहे हैं, परन्तु विभाग की मंशा पूर्ण न करने के कारण उन्हें परीक्षा केन्द्र से वंचित होना पड़ रहा है। यहाँ यह भी सूच्य है कि जिन विद्यालयों को परीक्षा केन्द्र बनाया गया है उन विद्यालयों में धारण क्षमता से कई गुना परीक्षार्थियों को भेज दिया गया है, जिससे कि शासन एवं सरकार की मंशा को जानबूझ कर धूल-धूषित करने का भरसक प्रयास किया जा रहा है, और इसमें विभाग की पूर्णतया संलिप्तता है। इस कारण जिन विद्यालयों को परीक्षा केन्द्र नहीं बनाया गया है उनमें अध्ययनरत छात्र-छात्राओं एवं अभिभावकों को परीक्षा अवधि में भारी परेशानी उठानी पड़ेगी। बैठक में उपस्थित सभी शिक्षक सदस्यों ने इस प्रकरण की शिकायत जिलाधिकारी मुख्यमंत्री से करने की सहमति व्यक्त की गयी है। बैठक में मुख्य रूप से संरक्षक राम विनोद तिवारी, कोषाध्यक्ष नन्हे लाल, आय-व्यय निरीक्षक प्रमोद यादव, शैलेश कुमार बाजपेयी, अंजनी कुमार शर्मा, धर्मराज पाण्डेय, निखिल त्रिवेदी, उमाशंकर त्रिपाठी, जयशंकर त्रिवेदी, सहित लगभग दो दर्जन से अधिक शिक्षक उपस्थित रहे।