रायबरेली। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायबरेली के तत्वाधान में श्री नरायण प्रताप सिंह स्मृति कन्या महाविद्यालय मनहेरू सताँव रायबरेली में विधिक सेवा दिवस के अवसर बच्चों के लिए विधिक साक्षरता एवं जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का शुभारम्भ सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती पूजा गुप्ता द्वारा किया गया। सचिव महोदया द्वारा उपस्थित बच्चों को उनके विधिक अधिकारों के सम्बन्ध में जानकारी दी गयी। सचिव महोदया द्वारा बताया गया कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 39(ए) के अंतर्गत वैकल्पिक विवाद समाधान व्यवस्था (ए0डी0आर0) प्राप्त होती है। सचिव महोदया द्वारा अनुच्छेद 14 सबके लिए न्याय व अनुच्छेद 21 न्याय पाने का अधिकार के सम्बन्ध में बिन्दुवार बताय गया। उ0प्र0 राज्य के प्रत्येक जिले में जिला विधिक सेवा प्रणाली कार्य कर रही है। विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम की धारा 12 के अंतर्गत उन व्यक्तियों का वर्णन किया गया है जो इस अधिनियम का लाभ प्राप्त कर सकते है विधिक सेवा प्राधिकरण न्यायालय में विवाद प्रस्तुत करने से पूर्व एवं न्यायालय में वाद के विचारण के दौरान दोनों ही परिस्थतियों में समझौता वार्ता हेतु पटल प्रदान करती है। प्राधिकरण के माध्यम से निस्तारित मामले प्रभावशील एवं अंतिमता प्रकृति के होते है। सचिव महोदया द्वारा उपस्थित बच्चों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यों के सम्बन्ध में विस्तार से बताया गया एवं संविधान के अनुच्छेद 39(ए) के सम्बन्ध में बताया गया कि कैसे आप जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से अपने वाद का निस्तारण सुलह समझौता के आधार पर निस्तारित करा सकते है। सचिव महोदया द्वारा बताया गया कि यदि आज से कोई मुकदमा न दर्ज हो तो लम्बित मुकदमों के निपटारे में 300 वर्षों का समय लगेगा। वरिष्ठ अधिवक्ता लक्ष्मी शंकर बाजपेयी व अधिवक्ता शंशाक श्रीवास्तव द्वारा उपस्थित बच्चों विधिक सेवा दिवस के महत्व के सम्बन्ध में विस्तार से अवगत कराया गया। कानून के बिना सामाजिक सरोकारता नहीं चल सकती प्रत्येक समाज व व्यवस्था सामान्य कानून के अनुसार कार्य करती है। अतः कानून की सामान्य जानकारी रखना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। इस अवसर पर कालेज के प्रबन्धक कौशलेन्द्र सिंह शिक्षक-शिक्षीकाये व छात्र-छात्राएं एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
अनुज मौर्य रिपोर्ट