शमसान घाट पर गंदगी का अंबार, संक्रमण फैलने को है तैयार

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डलमऊ रायबरेली – प्रदेश मे जहां कोविड-19 संक्रमण जहां एक और अपने पैर पसार रहा है वहीं दूसरी ओर संक्रमण काल में शमशान घाट डलमऊ में अंतिम संस्कार के लिए आने वाले शवों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है और शमशान घाट की साफ-सफाई के लिए पर्याप्त सफाई कर्मी संबंधित विभाग द्वारा ना कराए जाने के कारण शमशान घाट डलमऊ पर गंदगी का मंजर नजर आता है जिससे शवों के साथ आने वाले शव यात्रियों में संक्रमण फैलने का खतरा मंडराने लगा है और संबंधित विभाग के आला अधिकारी हाथ पर हाथ रखे मूकदर्शक बने हुए हैं और सफाई कराने के नाम पर कर्मचारियों की कमी बता कर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।
कोरोना संक्रमण काल के इस दौर में शमशान घाट डलमऊ में जनपद के साथ गैर जनपद से भी अंतिम संस्कार के लिए लोग शव लाकर अंतिम संस्कार करने के लिए प्रतिदिन लगभग आधा सैकड़ा से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है जहां पर अंतिम संस्कार के लिए लाए जाने वाले शव की तख्तियां और कपड़े आदि शमशान घाट के किनारे फेंक दिए जाते हैं जिनकी साफ सफाई के लिए दैनिक मजदूरी के नाम पर एक सफाई कर्मी की तैनाती है जो वर्तमान समय में पर्याप्त नहीं है जिससे श्मशान घाट पर गंदगी का मंजर सा बन गया है। श्मशान घाट के तीर्थ पुरोहित श्याम सुंदर, बलराम, राकेश कुमार, कमलेश आदि ने बताया कि शमशान घाट पर मात्र एक दैनिक मजदूरी के रूप में सफाई कर्मचारी कार्य करता है जिससे पर्याप्त रूप से साफ सफाई की व्यवस्था नहीं हो पा रही है और शमशान घाट पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है जिससे आने वाले शव यात्रियों में संक्रमण फैलने का खतरा मंडराने लगा है और कई बार नगर पंचायत के आला अधिकारियों से सफाई के लिए कहने के बावजूद भी सफाई कर्मियों की तैनाती नहीं की गई है। वही नगर पंचायत अध्यक्ष ब्रिजेश दत्त गौड़ ने बताया कि वर्तमान समय में कई सफाई कर्मी अस्वस्थ हैं और प्रत्येक रविवार को शमशान घाट की सफाई कराई जाती है अगर गंदगी ज्यादा है तू सफाई कर्मियों को भेजकर सफाई करवाई जाएगी।

विमल मौर्य रिपोर्ट

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